कोविड-19 महामारी का पिछले साल हवाई यातायात पर बड़ा प्रभाव पड़ा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, भारत में विमानन क्षेत्र में 37,000 से ज्यादा नौकरियां घट गईं।
इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने 2020 को विमान यात्रा के इतिहास में सबसे खराब वर्ष करार दिया है। 2019 के मुकाबले पिछले साल वैश्विक रूप से यात्री मांग में पिछले साल 66 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। भारत में भी घरेलू हवाई यातयात पिछले साल घटकर आधा रह गया। दो महीने के लॉकडाउन और यात्रा संबंधी प्रतिबंधों की वजह से हवाई यातायात पर प्रभाव पड़ा।
इसकी वजह से एयरलाइनों को अपने विमानों का परिचालन बंद करना, क्योंकि इनका इस्तेमाल घट गया था और साथ ही इनकी डिलिवरी भी स्थगित की गई। इन सब की वजह से पिछले साल मानव श्रम की जरूरत घट गई।
राज्यसभा सांसद के सी वेणुगोपाल द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विमानन क्षेत्र में अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान कर्मचारियों की संख्या में 39,044 तक की कमी दर्ज की गई। इनमें एयरलाइनों, हवाई अड्डों, ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों और कारगो ऑपरेटरों के कर्मचारी शामिल हैं।
इनमें सबसे ज्यादा प्रभाव हवाई अड्डों में रोजगार पर देखा गया था, जहां इस अवधि के दौरान 19,247 कर्मियों की कमी दर्ज की गई। वहीं ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों और एयरलाइनों के कर्मचारियों की संख्या में 12,981 और 6,981 तक की कटौती दर्ज की गई। कारगो व्यवसाय पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा और इसमें चार महीने की अवधि में 170 कर्मियों की कमी दर्ज की गई।
मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एयरपोर्ट ऑपरेटर के स्टाफ की छंटनी नहीं की गई थी। हाउसकीपिंग या ट्रॉली सेवाओं के लिए नियुक्त संविदात्मक स्टाफ की कार्य जरूरत में कमी दर्ज की गई थी, लेकिन एयरपोर्ट द्वारा किसी को निकाला नहीं गया था।
उन्होंने कहा, ‘यात्रा संबंधित प्रतिबंधों की वजह से रिटेल और फंड एवं बेवरेज आउटलेट प्रभावित हुए थे और इनमें से कुछ बंद कर दिए गए थे। रोजगार नुकसान के आंकड़े में संभवत: उनका कार्य बल भी शामिल है।’
सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण और जीएमआर के अधिकारियों का भी कहना है कि उन्होंने इस अवधि के दौरान छंटनी नहीं की।
देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो ने अपने कर्मियों की संख्या में पिछले साल 10 प्रतिशत तक की कमी की। इंडिगो के मुख्य कार्याधिकारी रणजय दत्ता ने दिसंबर में कहा था कि हालांकि इंडिगो अगले तीन महीनों में फिर से नियुक्ति की संभावना तलाश रही है, क्योंकि उसने परिचालन बढ़ाया है। सभी एयरलाइनों ने अपने खर्च घटाने के प्रयास में स्टाफ के वेतन में कटौती की, जबकि गोएयर में कई वरिष्ठ अधिकारियों ने एयरलाइन को अलविदा कहा था।
सूत्रों का कहना है कि विमानन क्षेत्र में कर्मियों की जरूरत उड़ानों की संख्या में कमी आने की वजह से घट गई थी।
एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म एकॉर्ड इंडिया में मैनेजिंग पार्टनर सोनल अग्रवाल ने कहा, ‘कई देशों के विपरीत, भारत में विमानन क्षेत्र अभी भी बढ़ रहा है। जैसे ही आर्थिक वृद्घि पटरी पर लौटेगी, घरेलू यात्रा वर्ष के अंत तक बहाल हो जाएगी। चूंकि क्षमता इस्तेमाल और परिवहन ढांचे में निवेश बढ़ा है, इसलिए ज्यादातर लोगों के रोजगार फिर से बहाल होने की संभावना है, लेकिन शायद ये कम वेतन से संबंधित हों।’
