मुंबई की फार्मा कंपनी सिप्ला ऑन्कोलॉजी, मानसिक स्वास्थ्य, मोटापा, स्वास्थ्य कल्याण, जीनोमिक्स और डायग्नोस्टिक सेवा क्षेत्रों में अधिग्रहण के अवसरों का आकलन कर रही है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। मंगलवार को भारत में सनोफी की सेंट्रल नर्वस सिस्टम (सीएनएस) दवाओं के वितरण के लिए उसके साथ गठजोड़ के बाद सिप्ला मधुमेह रोधी क्षेत्र में लाइसेंसिंग सौदों के लिए भी तैयार है।
सिप्ला के प्रबंध निदेशक और वैश्विक मुख्य कार्याधिकारी उमंग वोहरा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वे ऑन्कोलॉजी, मानसिक स्वास्थ्य, मोटापा, स्वास्थ्य कल्याण, डायग्नोस्टिक सेवाओं, जीनोमिक्स आदि जैसे क्षेत्रों में अधिग्रहण करने के लिए तैयार हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि चूंकि सिप्ला का इरादा फार्मा कंपनी से एकीकृत स्वास्थ्य सेवा कंपनी के रूप में बढ़ना है, इसलिए वह इन क्षेत्रों में अवसरों का मूल्यांकन कर रही है।
हालिया विश्लेषण में नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा है कि हालांकि सिप्ला भारत में सीएनएस और मधुमेह खंडों की प्रमुख कंपनी नहीं है, लेकिन इसका लक्ष्य इन क्रोनिक उपचारों में वृद्धि करना है।
वोहरा ने कहा कि वे मधुमेह के क्षेत्र में वैश्विक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ लाइसेंसिंग अवसरों और सहयोग के लिए भी तैयार हैं। इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना स्पष्ट है क्योंकि भारत में साल 2045 तक 13.4 करोड़ से अधिक मधुमेह रोगी होने का अनुमान जताया गया है।