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चिप की किल्लत से कार कंपनियों की आफत बढ़ी, उत्पादन पर पड़ रहा प्रभाव

मारुति सुजूकी ने वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन प्रभावित होने की जताई आशंका, टाटा मोटर्स, महिंद्रा और दूसरी कंपनियों को भी यात्री वाहनों का उत्पादन सुस्त रहने का डर

Published by
सोहिनी दास
Last Updated- April 03, 2023 | 11:22 PM IST

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी ने कहा है चिप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति में अनिश्चितता का नए वित्त वर्ष में यात्री वाहनों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। हालांकि 2022-23 में देश में यात्री वाहनों का उत्पादन उससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत बढ़कर 39 लाख पर पहुंच गया।

मारुति ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की किल्लत से 2022-23 में भी वाहनों का उत्पादन प्रभावित हुआ था। मारुति सुजूकी ने आज कहा, ‘कंपनी ने इन उपकरणों की किल्लत का असर कम करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए। मगर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति की तस्वीर अब भी साफ नहीं है, इसलिए वित्त वर्ष 2023-24 में भी यात्री वाहनों के उत्पादन पर असर हो सकता है।‘

कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 19.2 लाख यात्री वाहनों का उत्पादन किया था। इससे पिछले वित्त वर्ष में उसके उत्पादन का आंकड़ा 16.5 लाख रहा था।

चिप की कमी पर दूसरी बड़ी कार निर्माता कंपनियां भी सतर्क हैं। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (M&M) में ऑटोमोटिव डिविजन के प्रेसिडेंट विजय नाकरा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘सेमीकंडक्टर से जुड़े कल-पुर्जों की आपूर्ति सामान्य नहीं हो पाई है। इससे हमारे कुछ ब्रांड का उत्पादन प्रभावित हुआ है। अभी पुख़्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता मगर हम बदलते हालात पर नजर बनाए हुए हैं।‘

वित्त वर्ष 2022-23 में M&M ने 5,56,961 लाख स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) बनाए थे, जो कंपनी के लिए अब तक का रिकॉर्ड है। कंपनी की एसयूवी बिक्री में साल भर पहले के मुकाबले 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई।

चिप की आपूर्ति में कुछ सुधार और मांग मजबूत रहने से वित्त वर्ष 2022-23 में वाहनों की बिक्री में तेजी देखी गई। मगर आने वाले समय में कंपनियां यात्री वाहनों के उत्पादन का सटीक अनुमान देने की स्थिति में नहीं हैं। चिप की कमी दूर नहीं हुई तो वित्त वर्ष 2023-24 में उनकी उत्पादन योजना खटाई में पड़ सकती हैं।

काफी कुछ इस बात कर निर्भर करेगा कि कंपनियां चिप की कमी से कैसे निपटती हैं। एसयूवी खंड की बड़ी कंपनियों में शुमार टाटा मोटर्स ने कहा है कि उसके उत्पादन में कमी नहीं आई है और वह चिप की आपूर्ति पर लगातार नजर रख रही है।

टाटा मोटर्स में प्रबंध निदेशक, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स ऐंड टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘हमने अपनी तरफ से चिप की कमी से निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कंपनी आपूर्ति की स्थिति खासकर सेमीकंडक्टर की आपूर्ति से जुड़े हालात पर नजर रख रही है और कोविड की नई लहर की आशंका को भी ध्यान में रखकर चल रही हैं।’

चंद्रा ने स्वीकार किया कि पिछले सालों में उत्पादन आंकड़े और आर्थिक हालात से जुड़े कारकों- ब्याज दरों में बढ़ोतरी, बढ़ती महंगाई और नए नियमों की वजह से लागत में बढ़ोतरी- के कारण यात्री वाहनों के उत्पादन पर असर हो सकता है।

ह्युंडै मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) भी सतर्क है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2023-24 में यात्री वाहनों के उत्पादन की कंपनी की अच्छी उम्मीद हैं मगर वह उत्पादन प्रभावित करने वाली बातों को भी ध्यान में रखकर चल रही है। कंपनी ने 2023-24 में भारतीय बाजार में 5,68,000 वाहन बेचे, जो उसकी रिकॉर्ड बिक्री थी। ।

वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-फरवरी अवधि में कुल 40,76,780 यात्री वाहन बने। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक रहा।

First Published : April 3, 2023 | 9:34 PM IST