बीएस बातचीत
बोफा सिक्योरिटीज के इंडिया इक्विटी स्ट्रेटेजिस्ट एवं सह-प्रमुख अमीश शाह ने समी मोडक के साथ साक्षात्कार में कहा कि सरकार बजट में राजकोषीय और मौद्रिक दोनों पर ध्यान देगी। उन्होंने बताया कि पूंजीगत खर्च, बैंक पुनर्पूंजीकरण और पीएसयू पुनर्गठन नीति पर बजट में ध्यान दिए जाने की जरूरत होगी। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
मूल्यांकन के नजरिये से बाजार कैसे दिख रहे हैं?
मूल्यांकन अब महंगा है। यदि अमेरिकी प्रोत्साहन पैकेज आता है तो बाजार में तरलता की मदद से तेजी बरकरार रहेगी। निफ्टी के लिए वर्ष के अंत तक हमारा लक्ष्य 15,000 है। हमें पूरे वर्ष का प्रतिफल एक अंक में रहने की उम्मीद है।
वैश्विक तरलता के अलावा, क्या बाजार में तेजी को बढ़ावा देने के लिए कोई अन्य सकारात्मक कारक भी है?
मेरा मानना है कि इसमें तरलता का ज्यादा योगदान रहेगा। आय वृद्घि का असर दिखा है। यदि आप वित्त वर्ष 2022 के लिए आय को देखें तो बाजार निफ्टी कंपनियों के लिए 40 प्रतिशत वृद्घि और वित्त वर्ष 2023 में अन्य 20 प्रतिशत वृद्घि की उम्मीद कर रहा है। अब से लेकर अगले कुछ वर्षों के संदर्भ में बाजार में 70 प्रतिशत आय वृद्घि का असर पहले ही दिख चुका है। मेरा मानना है कि कंपनियों को इसे पाने के लिए सक्षम होना होगा। लेकिन इससे ज्यादा वृद्घि की उम्मीद करना मुश्किल है। इसलिए आय की स्थिति काफी हद तक स्पष्ट है।
रिकॉर्ड को देखते हुए, क्या आप मानते हैं कि 70 प्रतिशत आय वृद्घि के अनुमानों की राह में बड़ा जोखिम है?
कुछ क्षेत्रों के लिए यह सही है। लेकिन कुछ खास क्षेत्रों के लिए हम और ज्यादा सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। हम वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में 34 प्रतिशत और 19 प्रतिशत आय वृद्घि की उम्मीद कर रहे हैं। इसलिए हम अनुमानों से थोड़ा नीचे हैं। हमारा मानना है कि वित्त और उद्योग के लिए और ज्यादा अपग्रेड की संभावना है। ये दो क्षेत्र सकारात्मक बदलाव के साथ बाजार को चकित करेंगे। दूसरी तरफ, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी क्षेत्र के लिए डाउनग्रेड का जोखिम है।
क्या आप मानते हैं कि बजट बाजारों के लिए एक बड़ा इवेंट होगा?
कुछ खास क्षेत्रों के लिए बजट काफी महत्वपूर्ण होगा। हमारा मानना है कि यह पूंजीगत खर्च-केंद्रित क्षेत्रों के लिए सकारात्मक रहेगा, और यह औद्योगिक क्षेत्र पर हमारे उत्साहित रुख को स्पष्ट करता है। हम दो-तीन डेटा बिंदुओं पर विचार कर रहे हैं। बजट व्यय के प्रतिशत के तौर पर पूंजीगत खर्च वित्त वर्ष 2017 में 18 प्रतिशत था। हमारा मानना है कि यह और नीचे आएगा। इससे पूंजीगत खर्च के लिए आवंटन बढ़ाए जाने की ज्यादा संभावना पैदा होगी। इसके अलावा, पीएसयू पूंजीगत खर्च में वृद्घि की भी संभावना है। कई पीएसयू की बैलेंस शीट में अधिशेष नकदी है।
क्या राजकोषीय विस्तार की संभावना दिख रही है?
हमारे अर्थशास्त्रियों का मानना है कि सरकार विस्तारवादी नीति पर कायम रहेगी। वित्त वर्ष 2022 के लिए हमें मानना है कि सरकार 5 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के साथ काम करेगा, जो कोविड-पूर्व समय के 3.5 प्रतिशत से ज्यादा है। राजकोषीय घाटे में वृद्घि से ज्यादा सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर पूंजीगत खर्च की संभावना पैदा हुई है। इसकी संभावना है कि सरकार पीएसयू बैंकों पर या तो रीकैप बॉन्डों, आरबीआई रिजर्व, या बैड बैंक के निर्माण के जरिये पुन: सीमा लगाएगी। इससे ऋण वृद्घि को मदद मिलेगी, क्योंकि अचानक उनके पास ज्यादा उधारी के लिए पूंजी उपलब्ध होगी और इससे अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। इसकी भी संभावना है कि सरकार पीएसयू पुनर्गठन नीति को लेकर बदलाव ला सकती है जिसकी घोषणा उसने पिछले साल मई में आत्मनिर्भर नीति के तहत की थी। इसका मकसद होगा कि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कम से कम एक पीएसयू और अधिकतम चार पीएसयू होंगे। इससे सरकार अन्य क्षेत्रों को निजी या विदेशी प्रतिस्पर्धा के लिए स्वतंत्र बनाने में सक्षम होगी।
आप वित्तीय शेयरों पर ओवरवेट क्यों हैं?
हमारा मानना है कि ऋण वृद्घि की रफ्तार तेज होगी। जून तिमाही तक, कोविड-19 के बाद एक मुख्य चिंता यह थी कि एनपीए में तेजी आएगी और बैंकों के पास बड़े एनपीए प्रावधानों के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध नहीं होगी। तब से कई बड़े बैंक और एनबीएफसी ने आकर्षक कोष उगाही की है। इस वजह से पूंजी पर्याप्तता से संबंधित कई चिंताएं दूर हुई हैं। सितंबर तिमाही के वित्तीय परिणामों से पता चला कि एनपीए में वृद्घि काफी तीव्र थी। शुरू में यह उम्मीद जताई गई थी कि वित्त वर्ष 2021 में बैंक अपनी ऋण बुक का 5 प्रतिशत हिस्सा संभावित एनपीए के लिए प्रावधान के तौर पर मुहैया कराएंगे। वास्तविकता यह है कि कई बैंकों के लिए ऋण लागत 2.5-3 प्रतिशत के दायरे में रहने की संभावना है। हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 1.5-2 प्रतिशत रहेगा।
प्रौद्योगिकी क्षेत्र पर नकारात्मक नजरिये की वजह क्या है?
हम नहीं मानते कि आईटी क्षेत्र ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करेगा। यह क्षेत्र फिलहाल अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और हमें किसी बड़े नकारात्मक बदलाव की आशंका नहीं है। लेकिन साथ ही, हमें सकारात्मक बदलावों के लिए संघर्ष भी करना पड़ रहा है। साथ ही यह क्षेत्र ऊंचे मूल्यांकन पर भी कारोबार कर रहा है। इस बातों को देखते हुए इसकी संभावना है कि यह क्षेत्र अब कमजोर प्रदर्शन कर सकता है।