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Blinkit फूड डिलिवरी बिजनेस में Zomato को पीछे छोड़ सकता है: CEO दीपिंदर गोयल

स्टार्टअप महाकुंभ में Zomato का दावा, फूड डिलिवरी कारोबार से बड़ा होगा यह प्लेटफॉर्म

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आर्यमन गुप्ता   
Last Updated- March 18, 2024 | 9:56 PM IST

जोमैटो के मुख्य कार्य अधिकारी दीपिंदर गोयल ने आज कहा कि कंपनी का क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकइट अगले एक साल के भीतर उसके फूड डिलिवरी कारोबार से भी बड़ा हो सकता है। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित स्टार्टअप महाकुंभ कार्यक्रम में गोयल ने कहा कि किसी कंपनी को लंबे समय तक दौड़ में बने रहने के लिए खुद को इसी तरह हिला डालना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए, हमारी हमारी कंपनी के भीतर ही व्यवसाय योजना प्रतियोगिता चल रही है। यह एक छोटी टीम को रकम की पेशकश पर केंद्रित होगी, जो उन कारोबार को बाधित करने की योजना लेकर आएगी जिसमें अभी हम हैं। इससे जोमैटो का पांचवा संस्करण अथवा ब्लिंकइट का दूसरा संस्करण आ सकता है। ब्लिंकइट जौमैटो के चौथे संस्करण का हिस्सा है और अगले एक साल में ब्लिंकइट जौमैटो से बड़ा हो सकता है।’

गोयल इन्फो एज के संस्थापक संजीव बिखचंदानी के साथ बातचीत कर रहे थे। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में ब्लिंकइट की वृद्धि ने जोमैटो के मुख्य फूड डिलिवरी कारोबार को पीछे छोड़ दिया। तीसरी तिमाही में इसका सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) एक साल पहले की समान तिमाही की तुलना में 103 फीसदी बढ़ गया। उसकी तुलना में फूड डिलिवरी कारोबार का जीओवी सिर्फ 27 फीसदी बढ़ा।

राजस्व के मोर्चे पर वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में फूड डिलिवरी कारोबार का राजस्व 2,025 करोड़ रुपये रहा और ब्लिंकइट का 644 करोड़ रुपये था। शेयरधारकों को हाल ही में लिखे एक पत्र में गोयल ने दावा किया कि ब्लिंकइट अगले 10 वर्षों में शेयरधारकों के लिए जोमैटो से ज्यादा फायदा देगा। गोयल ने जोर देकर कहा, ‘अभी जो भी कारोबारी मॉडल तैयार हो रहे हैं उनमें से कोई भी एक दशक से अधिक नहीं टिकेगा क्योंकि सभी तकनीकी और वितरण प्रणालियां बदल रही हैं। यदि आप लंबे समय तक टिके रहना चाहते हैं तो आपको अपने अब तक प्राप्त परिणामों से नवप्रवर्तन करना होगा और नए कारोबार खड़े करने होंगे।’

उन्होंने दावा किया कि प्रौद्योगिकी के कारण कुछ दशक पहले की तुलना में आज एक पीढ़ीगत कंपनी बनाना काफी कठिन काम है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी कारोबार में बदलाव आएंगे। इसलिए, जैसे ही हम यह कहना शुरू करते हैं कि कुछ भी नहीं बदलेगा हम खत्म हो चुके हैं।’

स्व-नियामकीय तंत्र का पालन करें स्टार्टअप : कांत

जी20 समूह के शेरपा अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को पारदर्शिता और नैतिक आचरण के लिए स्व-नियामकीय पारिस्थितिकी तंत्र का पालन करना चाहिए क्योंकि किसी भी कीमत पर मूल्यांकन बढ़ाने की कोशिश कुशासन की राह पर ले जाती है।

उन्होंने कहा कि अगर भारत एक जीवंत स्टार्टअप आंदोलन खड़ा करना चाहता है तो कोई नियामकीय हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए क्योंकि ‘सरकारी विनियमन आने से नवोन्मेष पर लगाम लगती है।’ कांत ने यहां आयोजित ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में सक्षम रहा है और अगले पांच वर्षों में इसे दुनिया में स्टार्टअप का सिरमौर बनाना देश के लिए चुनौती है। उन्होंने कहा ‘स्टार्टअप को स्व नियामकीय पारिस्थितिकी तंत्र का पालन करना चाहिए।’

First Published : March 18, 2024 | 9:56 PM IST