दो प्रमुख दवा कंपनियों-बायोकॉन और जुबिलिएंट ऑर्गेनोसिस को फॉरेक्स घाटों की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है।
वित्त वर्ष 2008-09 की अंतिम तिमाही में इन दोनों कंपनियों के कारोबार में इजाफा होने के बावजूद मुनाफा घटा है। बेंगलुरु स्थित बायोकॉन को चौथी तिमाही में 24.88 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 62 फीसदी कम है।
पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कंपनी का मुनाफा 65.30 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी की कुल आय 75 फीसदी बढ़कर 486.56 करोड़ रुपये हो गई। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 279.22 करोड़ रुपये की कमाई की थी।
147 करोड़ रुपये का मार्क टू मार्केट घाटा की वजह से वर्ष 2008-09 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 93.12 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल कंपनी 463.90 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। यानी उसके शुद्ध मुनाफे में करीब 80 फीसदी की कमी आई है।
हालांकि घरेलू फॉम्यूलेशन कारोबार में 40 फीसदी इजाफा होने से कंपनी की आय बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 54 फीसदी बढ़कर 1,673.22 करोड़ रुपये हो गई। बायोकॉन की चेयरमैन और प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ का कहना है कि हमने पिछले साल डॉलर को 41 रुपये पर फिक्स्ड फारवर्ड हेज किया था, जिसके चलते कंपनी को भारी फॉरेक्स नुकसान उठाना पड़ा।
कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग विशेषज्ञ जुबिलिएंट ऑर्गेनोसिस वित्त वर्ष 2008-09 की चौथी तिमाही में 12.37 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 81 फीसदी कम है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कंपनी का मुनाफा 63.88 करोड़ रुपये था।
बायोकॉन की तरह ही समीक्षाधीन अवधि के दौरान जुबिलिएंट की आय में 23 फीसदी का इजाफा हुआ और अंतिम तिमाही में कंपनी ने 853.94 करोड़ रुपये की कमाई की। जबकि वित्त वर्ष 2007-08 की चौथी तिमाही में कंपनी की आय 696.96 करोड़ रुपये थी।
जुबिलिएंट ने बताया कि कंपनी को 36.9 करोड़ रुपये का एक्सेप्शनल आइटम लॉस हुआ, जबकि 101.3 करोड़ रुपये का मार्क-टू-मार्केट नुकसान उठाना पड़ा। वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान कंपनी ने 283.18 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया, जो पिछले वित्त वर्ष से 4.85 फीसदी कम है। वित्त वर्ष 2007-08 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 297.4 करोड़ रुपये था।
हालांकि पिछले वित्त वर्ष में कंपनी की आय 41.3 फीसदी बढ़कर 3,517.9 करोड़ रुपये पहुंच गई। वित्त वर्ष 2007-08 में कंपनी की आय 2,488.9 करोड़ रुपये थी। कंपनी पर 31 मार्च 2009 तक 3250 करोड़ रुपये का कर्ज है, जो पिछले दो साल के दौरान अधिग्रहण और विस्तार के लिए लिया गया था।
जुबिलिएंट के मुख्य वित्त अधिकारी आर. शंकरइया ने बताया कि आने वाले समय में कंपनी अच्छा प्रदर्शन करेगी और नकदी का प्र्रवाह ही अच्छा है, जिससे कर्ज का बोझ भी कुछ कम होगा।
यूनाइटेड स्पिरिट्स का शुद्ध मुनाफा घटा
विजय माल्या के नेतृत्व वाली देश की सबसे बड़ी स्पिरिट्स निर्माता यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (यूएसएल) का शुद्ध मुनाफा चौथी तिमाही में 14.5 फीसदी घटा है।
31 मार्च को खत्म अंतिम तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ घटकर 55.6 करोड़ रुपये तक सिमट गया। वित्त वर्ष 2007-08 की चौथी तिमाही में कंपनी को 65.1 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। हालांकि इस दौरान यूएसएल की कुल आमदनी में 18.5 फीसदी की वृद्धि हुई। यह वित्त वर्ष 2008 की चौथी तिमाही के 775 करोड़ रुपये से बढ़कर 918.6 करोड़ रुपये हो गई।
यूएसएल के मुताबिक, इस दौरान मुनाफा घटने की वजह ब्याज खर्च का 54 करोड़ रुपये से बढ़कर 183 करोड़ रुपये हो जाना रही है। दरअसल विकास परियोजनाओं पर खर्च में बढ़ोतरी, ब्याज दर में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर की मजबूती का असर हुआ है। आर्थिक मंदी के चलते यूएसएल के उत्पादों की मांग में भी कमी दर्ज की गई है।
यूटीवी सॉफ्टवेयर का मुनाफा घटा
मीडिया और मनोरंजन समूह यूटीवी सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशंस का 31 मार्च 2009 को समाप्त चौथी तिमाही में शुध्द लाभ घटकर 11.22 करोड़ रुपये हो गया जो, पिछले साल की इसी तिमाही से 40.16 फीसदी कम है। कंपनी ने बंबई स्टाक एक्सचेंज को बताया कि पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 18.75 करोड़ रुपये का शुध्द लाभ हुआ था।
हालांकि आलोच्य तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 208.68 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 194.14 करोड़ रुपये थी। वैसे वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान कंपनी का शुध्द लाभ 48.53 फीसदी बढ़कर 85.63 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले साल 57.65 करोड़ रुपए था।
कंपनी ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने एलआईसी म्युचुअल फंड एसेट्स मैनेजमेंट को निजी नियोजन के आधार पर गैर-परिवर्तनीय बॉन्ड जारी करके 75 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ग्लैक्सो का शुध्द लाभ 18.14 फीसदी बढ़ा
दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल का शुद्ध लाभ 31 मार्च 2009 को समाप्त चौथी तिमाही में 18.14 फीसदी बढ़कर 143.27 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी को पिछले साल की इसी तिमाही में 121.27 करोड़ रुपये का शुध्द लाभ हुआ था।
कंपनी के मुताबिक, 31 मार्च को समाप्त अंतिम तिमाही में कुल आय बढ़कर 460.98 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 434.25 करोड़ रुपये थी।
कैडिला हेल्थकेयर का मुनाफा बढ़ा
जायडस कैडिला समूह की प्रमुख कंपनी कैडिला हेल्थकेयर का शुद्ध मुनाफा 31 मार्च 2009 को खत्म चौथी तिमाही में 58 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 51.96 करोड़ रुपये था। इस दौरान कंपनी की कुल आय बढ़कर 727.73 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 563 करोड़ रुपये थी।
मार्च 09 को समाप्त वित्त वर्ष में कंपनी का शुध्द लाभ 18 फीसदी बढ़कर 303.08 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वर्ष 257.59 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान कंपनी की कुल संचयी आय 2947.85 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पूर्व कंपनी की कुल संचयी आय 2333.16 करोड़ रुपये थी।
सेंट्रल बैंक का शुद्ध मुनाफा घटा
31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शुद्ध मुनाफे में 51 फीसदी की जोरदार गिरावट दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2007-08 के 127.3 करोड़ रुपये की तुलना में यह सिमटकर 62.5 करोड़ रुपये रह गई।
मुनाफे में कमी की वजह गैर-निष्पादित संपत्ति में हुई वृद्धि रही। बीते वित्त वर्ष में कंपनी की कुल आमदनी 21 फीसदी बढ़कर 3,150 करोड़ रुपये हो गई। इससे पहले के वित्त वर्ष में यह आमदनी महज 2,598 करोड़ रुपये रही थी।
सिंडिकेट बैंक का मुनाफा बढ़ा
31 मार्च 2009 को खत्म तिमाही में सिंडिकेट बैंक के मुनाफे में 63 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 207 करोड़ रुपये हो गया। इससे पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 126 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक की कुल आमदनी 31 मार्च 2008 की तिमाही में 2,376.4 करोड़ रुपये से बढ़कर 31 मार्च 2009 की तिमाही में 2,875.7 करोड़ रुपये हो गई।
विजया बैंक का मुनाफा 5 गुना बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक का 31 मार्च 2009 को समाप्त चौथी तिमाही में शुध्द मुनाफा 5 गुना बढ़कर 102.25 करोड़ रुपये हो गया। बैंक ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि इससे पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में उसका शुध्द मुनाफा 17.80 करोड़ रुपये था।
समीक्षाधीन तिमाही में विजया बैंक की कुल आय बढ़कर 1,622.28 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,263.17 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2008-09 की पूरी अवधि में उसका शुध्द मुनाफा 27.35 फीसदी घटकर 262.46 करोड़ रुपये रह गया, जो पूर्व वित्त वर्ष में 361.28 करोड़ रुपये था।
सिनटेल की आमदनी में इजाफा
सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता और केपीओ फर्म सिनटेल की शुद्ध आमदनी 31 मार्च को खत्म वित्त वर्ष 2009 की पहली तिमाही में 34 फीसदी बढ़कर करीब 137 करोड़ रुपये (2.73 करोड़ डॉलर) हो गई। 2008 की पहली तिमाही में कंपनी की शुद्ध आमदनी करीब 81 करोड़ रुपये रही थी।
पहली तिमाही के दौरान कंपनी का कुल राजस्व 2 फीसदी घटा है और यह करीब 484 करोड़ रुपये रह गया है। पिछले साल की पहली तिमाही में कंपनी का कुल राजस्व करीब 495 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने वर्ष 2009 के लिए अपने अनुमान में संशोधन किया है। इसे पहले के 1,925 करोड़ रुपये से संशोधित कर 2,125 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
टाटा एलेक्सी का शुध्द लाभ बढ़ा
टाटा समूह की टाटा एलेक्सी का शुध्द लाभ 31 मार्च 2009 को समाप्त चौथी तिमाही में 31.45 फीसदी बढ़कर 23.12 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का शुध्द लाभ 17.58 करोड़ रुपये था।
आलोच्य तिमाही में कंपनी की परिचालन आय घटकर 106.44 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले साल की समान अवधि में 111.97 करोड़ रुपये थी। वहीं बीते वित्त वर्ष के दौरान कंपनी का शुध्द लाभ 10.04 फीसदी बढ़कर 58.15 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 52.84 करोड़ रुपये था।
आदित्य बिड़ला नूवो को हुआ नुकसान
आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी आदित्य बिड़ला नूवो को 31 मार्च 2009 को समाप्त चौथी तिमाही में 141.15 करोड़ रुपये का शुध्द नुकसान हुआ है। कंपनी ने बंबई स्टाक एक्सचेंज को बताया कि पिछले साल की इसी तिमाही में उसे 21.84 करोड़ रुपये का शुध्द नुकसान हुआ था।
हालांकि आलोच्य तिमाही में कंपनी को परिचालन से होने वाली शुध्द आय बढ़कर 4237.87 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 2912.65 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2008-09 की पूरी अवधि में कंपनी को 430.52 करोड़ रुपये का शुध्द घाटा हुआ। पिछले साल 150.78 करोड़ रुपये का शुध्द घाटा हुआ था।
केपीआईटी का लाभ 87 फीसदी बढ़ा
केपीआईटी क्युमिन्स इन्फोसिस्टम्स लिमिटेड का शुद्ध मुनाफा 31 मार्च 2009 को खत्म तिमाही में 86.84 फीसदी बढ़कर 19.32 करोड़ रुपये हो गया। ठीक साल भर पहले की समान अवधि में कंपनी को महज 10.34 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। आलोच्य तिमाही में कंपनी का राजस्व 27.21 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 209.7 करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में कंपनी को 164.84 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। पुणे स्थित इस कंपनी को अक्टूबर से दिसंबर 2008 की तिमाही में महज 16.86 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। उस तिमाही में कंपनी को 184.52 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था।
वित्त वर्ष 2008-09 में कंपनी को 65.85 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। इस तरह वित्त वर्ष के लिहाज से कंपनी के मुनाफे में 28.66 फीसदी की वृद्धि हुई। बीते वित्त वर्ष में कंपनी का राजस्व 32 फीसदी बढ़कर 793.1 करोड़ रुपये हो गया।
विम्टा लैब्स का शुद्ध मुनाफा बढ़ा
बायोटेस्टिंग और ठेके पर शोध करने वाली विम्टा लैब्स लिमिटेड का शुद्ध मुनाफा बीती तिमाही में 23.84 फीसदी बढ़कर 1.61 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 1.30 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी की कुल आमदनी बढ़कर 20.35 करोड़ रुपये हो गई जो साल भर पहले 19.21 करोड़ रुपये थी।
क्रिसिल का मुनाफा बढ़ा
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल लिमिटेड का 31 मार्च 2009 को समाप्त पहली तिमाही में शुध्द मुनाफा बढ़कर 35.46 करोड़ रुपये हो गया, जो पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में 31.48 करोड़ रुपये था। आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 122.88 करोड़ रुपये हो गई। इससे पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में उसकी कुल आय 118.19 करोड़ रुपये थी।
