इस्पात दिग्गज कंपनी आर्सेलर मित्तल भी उड़ीसा में अपने संयंत्र के लिए तेजी से काम कर रही है।
कंपनी क्योंझर जिले की पटना तहसील में 120 लाख टन सालाना क्षमता वाले अपने नए इस्पात संयंत्र के लिए वन्य क्षेत्र को अलग करने की योजना पर काम कर रही है।
कंपनी को इसके लिए लगभग 7750 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसमें से तकरीबन 10 फीसद जमीन पर जंगल है। कंपनी ने संयंत्र के लिए 6,000 एकड़, बिजली संयंत्र के लिए 1,000 एकड़ और टाउनशिप के लिए 750 एकड़ जमीन की जरूरत बताई है।
आर्सेलर मित्तल इंडिया के मुख्य कार्यकारी शशांक मिश्र ने बताया, ‘कुल जमीन में से 10 फीसद वन्य क्षेत्र होगा। हम उड़ीसा संयंत्र के लिए वन्य क्षेत्र को अलग करने की योजना तैयार कर रहे हैं।’
संयंत्र के कामकाज के बारे में केंद्रीय इस्पात सचिव आर एस पांडेय से बातचीत करने के बाद मिश्र ने संवाददाताओं को बताया कि एकीकृत इस्पात परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट एम एन दस्तूर ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड तैयार कर रही है। कंपनी से 20 विशेषज्ञों का एक दल उसकी मदद कर रहा है। रिपोर्ट 30 जून तक पेश होगी।