Apple Inc. के पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) की बिक्री में पहली तिमाही में 40.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह गिरावट पीसी बनाने वाली कंपनियों के लिए वर्ष की कठिन शुरुआत को दर्शाता है, जो अभी भी बड़ी मात्रा में पड़े स्टॉक की समस्या से जूझ रही हैं। ब्लूमबर्ग में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह बताया गया है।
आईडीसी की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सभी पीसी निर्माताओं की बिक्री जनवरी-मार्च 2023 की पहली तिमाही में 29 प्रतिशत घटकर 5.69 करोड़ यूनिट रह गई। कोविड महामारी के कारण वर्क फ्रॉम होम के चलन की शुरुआत के कम होने के साथ पीसी की बिक्री 2019 की शुरुआत के स्तर से भी नीचे चली गई है।
मार्केट लीडर्स के सूची में शामिल लेनोवो ग्रुप लिमिटेड और डेल टेक्नोलॉजीज इंक की पीसी बिक्री में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है जबकि एचपी इंक की बिक्री में 24.2 प्रतिशत की गिरावट आई है।
सुस्ती या मंदी से कोई भी बड़ा ब्रांड बच नहीं सका और इसके चलते Asustek Computer Inc. 30.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ शीर्ष पांच कंपनियों की सूची से बाहर हो गयी।
पीसी की बिक्री में सुस्ती का कारण
इस सुस्ती का प्रमुख कारण कंज्यूमर्स के खर्च में आई गिरावट रहा है। बता दें कि पिछले एक साल में कंज्यूमर खर्च में नरमी के कारण स्मार्टफोन की बिक्री में भी दो अंकों की गिरावट आई है।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी ने पिछले हफ्ते कहा कि यह 2009 के फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद से अब तक सबसे कम प्रॉफिट हासिल करने के बाद मेमोरी उत्पादन में कटौती कर रही है। सैमसंग पोर्टेबल उपकरणों के साथ-साथ डेस्कटॉप और लैपटॉप पीसी के लिए चिप मेमोरी सप्लाई करती है।
आईडीसी के रिसर्च मैनेजर जितेश उबरानी ने कहा, “हालांकि पिछले कुछ महीनों में स्टॉक में कुछ कमी आई है लेकिन यह अभी भी चार से छह सप्ताह की अच्छी सीमा से काफी ऊपर है।”
उन्होंने कहा, “बड़े डिस्काउंट के बावजूद पीसी बनाने वाली कंपनियों का स्टॉक इस साल के मध्य और संभावित रूप से तीसरी तिमाही में निकलना शुरू हो सकता है।”
आईडीसी ने रिपोर्ट में कहा, मांग में नरमी ने मेमोरी बनाने वाली कंपनियों को “बदलाव करने के लिए समय और स्पेस दे रही है……क्योंकि कई कंपनियां चीन के बाहर अपना प्लांट लगाने का विकल्प तलाशना शुरू कर रही हैं।”
इसी तरह Apple भी एक जगह पर निर्भर न हो कर धीरे-धीरे अपने मैन्युफेक्चरिंग बेस के भूगोल में विविधता ला रहा है। कंपनी ऐसा इसलिए भी कर रही है क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव से इसकी सप्लाई चेन के बाधित होने का खतरा है।