अदाणी ग्रुप के लिए मुश्किलें अभी थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क ब्रूकलिन के अमेरिकी अटार्नी ऑफिस और अमेरिकी अधिकारी अदाणी ग्रुप द्वारा अपने बड़े शेयरहोल्डर्स को दिए गए बयान को लेकर पूछताछ कर रहे हैं। यह जांच इसलिए की जा रही है क्योंकि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने जो अदाणी ग्रुप को लेकर खुलासे किए थे उसके बाद कंपनी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। जिसके बाद ग्रुप ने अपने निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए उनसे बातचीत की थी ।
अब इस पर अमेरिकी नियामक की इसपर नजर पड़ी है और उन्होंने अदाणी ग्रुप के बड़े शेयरहोल्डर्स से पूछाताछ शुरू की है कि ग्रुप के साथ उनकी क्या बातचीत हुई।
बता दें कि इस अदाणी ग्रुप पर अटार्नी ऑफिस पिछले कुछ महीने से जांच कर रही है। साथ ही अमेरिकी बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन भी इस पर जांच कर रही है।
इसके अलावा, भारतीय बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) भी अदाणी ग्रुप की कंपनियों को लेकर जांच कर रहा है।
सेबी अपनी जांच में यह पता लगाना चाह रहा है कि क्या कंपनी ने मार्केट से जुड़े किसी भी नियम का उल्लंघन तो नहीं किया है। बता दें कि यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू की गई है। इस जांच को लेकर कोर्ट ने सेबी को दो महीने का समय दिया था। लेकिन सेबी ने कोर्ट से अतिरिक्त समय का आग्रह किया, जिसके बाद 17 मई को सेबी की याचिका पर कोर्ट ने 14 अगस्त तक का समय दिया । साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इसके बाद भी सेबी को समय की जरूरत पड़ेगी तो 30 सितंबर तक का और समय भी दिया जा सकता है।
जानें Hindenburg ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ क्या लगाए थे आरोप?
रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को अदाणी ग्रुप के खिलाफ कई चौकाने वाले खुलासे किए थे। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि अदाणी ग्रुप की कंपनियों ने स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड किया है। हालांकि, ग्रुप ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था, लेकिन इस रिपोर्ट के असर कंपनी के शेयरों पर पड़ा था और गौतम अदाणी को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।
इस घाटे से उभरने के लिए ग्रुप ने निवेशकों का भरोसा वापस पाने के लिए अपने शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज वापस लौटाने की रणनीति तैयार की थी और इनवेस्टर रोडशो किया था जिसमें निवेशकों को कंपनी ने अपनी आगे की योजनाओं के बारे में बताया था।