हाल के महीनों में क्विक कॉमर्स कारोबार में तेज प्रसार को देखते हुए ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन ने भी इस क्षेत्र में उतरने का निर्णय किया है। इसके साथ ही कंपनी ने 2030 तक भारत से कुल निर्यात का लक्ष्य बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया है। अपने ‘विकसित भारत’ संकल्प के तहत 2025 तक कंपनी ने 20 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है।
एमेजॉन के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि इस साल कंपनी ने देश से 12 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं के निर्यात किया है और वह 2025 में 20 अरब डॉलर के अपने पिछले निर्यात लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में है। एमेजॉन की प्रतिस्पर्धी कंपनी वॉलमार्ट भी भारत से आपूर्ति लक्ष्य बढ़ा रही है। उसने 2027 से सालाना 10 अरब डॉलर मूल्य की वस्तुओं की आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा है।
एमेजॉन के प्रमुख सम्मेलन ‘संवाद’ से इतर एमेजॉन इंडिया ने 15-मिनट में सामान की डिलिवरी करने की सेवा शुरू करने की योजना का खुलासा किया। एमेजान इंडिया के कंट्री हेड समीर कुमार ने कहा कि कंपनी इस महीने बेंगलूरु में इसे प्रायोगिक तौर पर शुरू करेगी। हालांकि उन्होंने क्विक कॉमर्स योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘क्विक कॉमर्स में हमारा ध्यान सबसे तेजी के साथ विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति करने की है। हमने 42,000 से ज्यादा विक्रेताओं से ऑर्डर के दिन या उसके अगले दिन करीब 3 करोड़ से ज्यादा उत्पादों की आपूर्ति की है। भारत में बहुत कुछ ऐसा है जहां हम अभी तक नहीं पहुंचे हैं। हम बड़े शहरों में क्विक कॉमर्स की बात करते हैं मगर हमें देश के अन्य हिस्सों के बारे में भी सोचना चाहिए।’ निर्यात योजना के बारे में कुमार ने कहा कि भारतीय
एमएसएमई, विनिर्माताओं और स्टार्टअप के साथ ही मेड इन इंडिया उत्पादों की आपूर्ति के लिए एमेजॉन के वैश्विक बिक्री योजना के जरिये कंपनी ने 80 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है। इनमें घरेलू व रसोई संबंधी उत्पाद, कपड़े और परिधान, खिलौने, स्वास्थ्य और पोषाहार, आयुर्वेद उत्पाद आदि शामिल हैं।
कंपनी पूरे भारत में एमएसएमई निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलों को निर्यात हब कार्यक्रम में शामिल करने के लिए विदेश व्यापार महानिदेशालय के साथ काम कर रही है।
एमेजॉन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, इमर्जिंग मार्केट्स अमित अग्रवाल ने कहा, ‘दुनिया में सबसे तेज वृद्धि वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत एमेजॉन के लिए प्रमुख बाजार है और हमारा दृष्टिकोण छोटे कारोबारों को डिजिटल बनाने, निर्यात को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के सरकार के नजरिये के अनुरूप है।’
एमेजॉन भारत में 11 साल से कारोबार कर रही है। कंपनी ने अपने संभव वेंचर फंड के जरिये घरेलू विनिर्माण पर केंद्रित स्टार्टअप के लिए 12 करोड़ डॉलर (1,000 करोड़ रुपये) खर्च करने की योजना बनाई है। यह घोषणा उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग के साथ किए गए समझौते पत्र का हिस्सा है।
इसके अलावा एमेजॉन देश भर में कारोबारों को अपनी माल ढुलाई सेवाएं मुहैया कराएगी। कंपनी ने ‘एमेजॉन फ्रेट’ नाम से देश भर में शहर के अंदर और एक से दूसरे शहर के लिए परिवहन सेवाएं और अंतिम छोर तक सामान की आपूर्ति के लिए एमेजॉल शॉपिंग सेवा शुरू की है। कंपनी देश भर में 14,000 पिनकोड पर सामान की आपूर्ति करती है।
कुमार ने कहा, ‘हमने तय समय से एक साल पहले ही 1 करोड़ छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाने का अपना संकल्प पूरा कर लिया है और 1.2 करोड़ से अधिक छोटे व्यवसायों को डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने में सक्षम बनाया है। हमने भारत से कुल निर्यात में लगभग 13 अरब डॉलर का योगदान दिया है और प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लगभग 14 लाख रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।’ एमेजॉन ने 2025 तक 1 करोड़ एमएसएमई को डिजिटल बनाने, देश कुल 20 अरब डॉलर का निर्यात करने और 20 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने का संकल्प किया था।