विमानन कंपनी एयर इंडिया (Air India) अपने कुल अंतरराष्ट्रीय यातायात में अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट यातायात की हिस्सेदारी मौजूदा चार प्रतिशत की तुलना में अगले पांच से 10 साल के दौरान दोगुना करके लगभग 10 प्रतिशत करने की योजना बना रही है।
यह तीन प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों – दिल्ली, मुंबई और बेंगलूरु को प्रमुख ट्रांजिट केंद्र बनाने की उसकी रणनीति का हिस्सा है। कंपनी के मुख्य वाणिज्यिक और परिवर्तन अधिकारी (सीसीटीओ) निपुण अग्रवाल ने आज यह जानकारी दी।
विमानन क्षेत्र का विश्लेषण करने वाली कंपनी सिरियम के अनुसार एयर इंडिया के कुल अंतरराष्ट्रीय यातायात में ट्रांजिट यातायात की हिस्सेदारी फरवरी 2023 के 2.84 प्रतिशत से बढ़कर फरवरी 2024 में 5.2 प्रतिशत हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट यातायात का मतलब उन यात्रियों से होता है, जो किसी दूसरे देश में अपने अंतिम गंतव्य स्थल तक पहुंचने के लिए किसी देश से होकर गुजरते हैं।
अग्रवाल ने कापा इंडिया एविएशन समिट 2024 में कहा ‘हमें लगता है कि तीन हब वाली यह रणनीति भविष्य में हमारे लिए काफी कारगर साबित होगी। दिल्ली हमारा मुख्य हब होगा, जो वैश्विक स्तर पर डी-टु-आई (देसी से अंतरराष्ट्रीय) और आई-टु-आई (अंतरराष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय) कनेक्टिविटी सक्षम करेगा। मुंबई हमारा द्वितीयक हब होगा और बेंगलूरु हमारा तृतीयक हब है, जो मुख्य रूप से भारत के दक्षिण का है।’
उन्होंने कहा ‘आज डी-टु-आई पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें सालाना केवल 2.5 करोड़ यात्री हैं, लेकिन आई-टु-आई अवसर भी काफी व्यावहारिक है। यह अपने आप में सालाना 1.4 करोड़ यात्री हैं। हमारे पास उसका केवल 0.5 प्रतिशत भाग था। पिछले 24 महीनों में हमने जो थोड़ा बहुत काम किया है, उससे हमें काफी उम्मीद मिली है क्योंकि अगर आप हमारे एयर इंडिया नेटवर्क पर आई-टु-आई ट्रैफिक को देखें, तो यह 0.5 प्रतिशत से बढ़कर चार प्रतिशत हो चुका है।’
उन्होंने कहा कि दिल्ली हवाई अड्डे पर स्थिति ज्यादा बेहतर है। दिल्ली हवाई अड्डे पर एयर इंडिया (Air India) के कुल अंतरराष्ट्रीय यातायात में अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिट यातायात की मौजूदा हिस्सेदारी लगभग 10 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय उड़ानों में हमें तकरीबन 20 प्रतिशत आई-टु-आई यातायात मिल रहा है।’
सिरियम के आंकड़ों के अनुसार छह प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों – दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरु और हैदराबाद से गुजरने वाले भारतीय विमानों के जरिये अपने अंतिम गंतव्य तक पहुंचने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या पिछले साल की तुलना में 97.09 प्रतिशत तक बढ़कर फरवरी में 68,305 हो गई। ढाका, काठमांडू, कोलंबो, बैंकॉक, सिंगापुर और दुबई इन ट्रांजिट यात्रियों के शीर्ष छह अंतिम गंतव्य हैं।