हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई ने एमआरएनए कोविड प्रौद्योगिकी पर आधारित कोविड-19 टीके के उत्पादन और भारत में क्लीनिकल परीक्षण करने के लिए कैलगरी की कंपनी प्रोविडेंस थेराप्यूटिक्स के साथ करार किया है। इस सौदे को काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इससे भारत की एमआरएनए प्रौद्योगिकी तक पहुंच सुनिश्चित होगी। इस टीके को पीटीएक्स-कोविड19-बी नाम दिया गया है और यह फिलहाल कनाडा में विकास के चरण में है। प्रोविडेंस ने मई में पहले चरण के क्लीनिकल परीक्षण के डेटा की घोषणा की थी और जल्द ही दूसरे चरण का परीक्षण शुरू किया जाएगा।
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की प्रबंध निदेशक महिमा दतला ने कहा, ‘एमआरएनए प्लेटफॉर्म कोविड-19 वैश्विक महामारी से मुकाबला करने में आपातकालीन उपयोग के लिए पहला टीका प्रदान करने में सबसे आगे रहा है। प्रोविडेंस के एमआरएनए टीका उम्मीदवार पर उसके साथ काम करने के लिए बायोलॉजिकल ई काफी प्रसन्न है। हम भारत एवं अन्य देशों को कोविड-19 के खिलाफ हर्ड इम्युनिटी हासिल करने के प्रयास में भारत एवं अन्य देशों को एक अन्य विकल्प प्रदान करने की उम्मीद करते हैं।’
हालांकि इस सौदे की वित्तीय जानकारियों का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन प्रोविडेंस अपने एमआरएनए टीके की करीब 3 करोड़ खुराक की बिक्री बायोलॉजिकल ई को करेगी। इसके अलावा वह भारत में इस टीके के उत्पादन के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी भी हस्तांतरित करेगी ताकि 2022 तक न्यूनतम 60 करोड़ खुराक के उत्पादन की क्षमता हासिल की जा सके। बाद में उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 1 अरब खुराक करने की है।
कंपनी ने कहा, ‘बायोलॉजिकल ई भारत सहित अपने अन्य लाइसेंस प्राप्त क्षेत्रों में एमआरएनए टीके के लिए सभी क्लीनिकल विकास एवं नियामकीय गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होगी।’
प्रोविडेंस के सीईओ ब्रैड सॉरेंसन ने कहा, ‘यह पहल कनाडा की कंपनी द्वारा भारत एवं अन्य देशों को कोविड-19 के खिलाफ अपने नागरिकों के टीकाकरण के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्रतिबद्धता है। प्रोविडेंस की स्थापना मरीजों की सेवा के लिए की गई थी और बायोलॉजिकल ई की इस प्रतिबद्धता से हमें उस महत्त्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।’
बायोलॉजिकल ई एकल खुराक वाले जॉनसन ऐंड जॉनसन (जेऐंडजे) टीके की 50 करोड़ खुराक बनाने के लिए पहले से ही एक सौदा कर रखा है। जेऐंडजे का टीका वायरल वेक्टर आधारित है जिसमें मानव एडीनोवायरस एडी26 का उपयोग किया गया है।
