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गैस एकाधिकार के खिलाफ रुकेगी कार्रवाई

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शुभायन चक्रवर्ती
Last Updated- December 28, 2022 | 10:25 PM IST

सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों के मुकदमों से परेशान होकर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) कंपनियों के खिलाफ अपनी कार्रवाई रोकने की योजना बनाई है। अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि नियामक ने सिटी गैस पाइपलाइनों को ‘कॉमन कैरियर’ के रूप में वर्गीकृत करने की अपनी योजना को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है, जब तक कि पीएनजीआरबी अधिनियम में संशोधन करके इसे कानूनी समर्थन नहीं दे दिया जाता है।

अधिकारियों ने कहा कि नियामक द्वारा 54 गैस पाइपलाइनों को कॉमन कैरियर के रूप में चिह्नित करने के फैसले को अब तक तमाम याचिकाओं का सामना करना पड़ रहा है। अदाणी टोटाल गैस और यहां तक कि सरकारी कंपनी गेल ने भी याचिका दायर कर रखी है। पीएनजीआरबी ने इंद्रप्रस्थ गैस, महानगर गैस, गेल गैस, गुजरात गैस और अन्य वितरकों के एकाधिकार को तोड़ने की कवायद की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ऐसा करने के लिए अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत है, जिससे और ज्यादा कानूनी समर्थन मिल सके, क्योंकि इसमें तमाम तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं।’

2015 में कुछ निश्चित सीजीडी इलाकों को चिह्नित कर कॉमन कैरियर के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन यह प्रक्रिया ऑटोमेटिक नहीं थी, ऐसे में नियामक ने 2020 में इसके लिए मार्गदर्शक सिद्धांत नियमन बनाया, जिसके आधार पर किसी क्षेत्र विशेष को कॉमन कैरियर घोषित किया जा सकता है।

सिटी या स्थानीय प्राकृतिक गैस वितरण नेटवर्क के मार्गदर्शक सिद्धांत कॉमन कैरियर या कॉन्ट्रैक्ट कैरियर रेगुलेशंस 2020 में आए और इसे सितंबर 2020 में अधिसूचित किया गया। नए नियमों का लक्ष्य 54 शहरी इलाकों में सीजीडी का एकाधिकार खत्म करना था, जहां कंपनियां पहले ही अकेले रहने के विशेषाधिकार का वक्त पूरा कर चुकी थीं। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में 2012 में ही अकेले रहने का विशेषाधिकार खत्म हो चुका था।

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अधिकारियों ने कहा कि न्यायालयों ने इस कार्रवाई को ‘अधिकार से बाहर का’ करार दिया और कानूनी अधिकार से परे जाकर काम करने के लिए नियामक की खिंचाई की। एक अधिकारी ने कहा, ‘पीएनजीआरबी ने नियमों के तहत कॉमन कैरियर के अनिवार्य दर्जे के लिए गैस इकाइयों को कई नोटिस भेजे, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया और कुछ पर स्थगनादेश आ गया। इसकी वजह से यह प्रक्रिया उल्लेखनीय रूप से रुक गई।’

ऐसी कार्रवाई में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पीएनजीआरबी की ओर से अदाणी टोटाल गैस को जारी नोटिस पर रोक लगाया जाना शामिल है, जिसका नेटवर्क गुजरात के अहमदाबाद सिटी, दसक्रोई और खुर्जा में है। साथ ही गेल की सहायक इकाइयों को भेजे गए नोटिस पर भी न्यायालय ने रोक लगा दी। बहरहाल सरकार कॉमन कैरियर के सिद्धांत पर जोर दे रही है, जिसमें सभी उत्पादों और उपभोक्ताओं को पूरे ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के इस्तेमाल की अनुमति होगी।

First Published : December 28, 2022 | 10:25 PM IST