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गेहूं की पैदावार 7.8 करोड़ टन के पार

Last Updated- December 07, 2022 | 6:42 AM IST

इस साल देश में 780 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है जो सरकार के तीसरे अग्रिम अनुमानों से कहीं अधिक है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इससे घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें स्थिर रहेगी।


सरकार के तीसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार वर्ष 2007-08 में रेकॉर्ड 767.8 लाख टन गेहूं के उत्पादन की आशा थी जबकि पिछले वर्ष 758.1 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। संशोधित आंकड़ों को चौथे प्राक्कलन में शामिल किया जाएगा जो अगले महीने जारी होना है।

फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आलोक सिन्हा ने आटा मिल मालिकों की बैठक में कहा, ‘इस वर्ष 780 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है।’ उन्होंने कहा कि इस वर्ष घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों में स्थिरता रहेगी और अगर जरूरत पड़ी तो एफसीआई खुले बाजार में गेहूं की बिक्री करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके  कि गेहूं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

सिन्हा के अनुसार उत्पादन अधिक होने से न केवल घरेलू बाजार के मूल्यों में स्थिरता आई है बल्कि अंतरराष्ट्रीय मूल्य भी लगभग 40 प्रतिशत कम हुए हैं। आटा मिल मालिकों को गेहूं की उपलब्धता के लिए दिलासा देते हुए एफसीआई के प्रबंध निदेशक ने कहा कि सरकार द्वारा 220 लाख टन गेहूं खरीदे जाने के बावजूद निजी खरीदारी के लिए अभी भी बाजार में प्रचुर मात्रा में गेहूं उपलब्ध है।

रेकॉर्ड उत्पादन और न्यूनतम समर्थन मूल्य के अधिक होने से एफसीआई राज्यों की अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कल तक 221.64 लाख टन गेहूं  प्राप्त कर चुकी है जबकि लक्ष्य 150 लाख टन गेहूं की प्राप्ति का था। पिछले साल इस अवधि में 110.37 लाख टन गेहूं की प्राप्ति हो पायी थी।

सिन्हा ने कहा कि यह 30 जून तक चलेगा। उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर गेहूं की खरीद 30 जून तक चलती है। हमने इस बात पर गौर किया है कि पिछले कुछ दिनों में बाजार में गेहूं की आवक कम हुई है।’सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था ताकि इस सीजन में अधिक से अधिक गेहूं की प्रप्ति की जा सके।

गेहूं की कम खरीदी के कारण केन्द्र सरकार को पिछले दो वर्षों में 53 लाख टन गेहूं का आयात करना पड़ा था। बिहार में गेहूं की कमी के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि राज्य में दैनिक खरीद का औसत अभी 9,000 टन है। उन्होंने कहा, ‘खपत वाले राज्यों में हम बिहार से लगभग एक लाख टन गेहूं भेजेंगे झ्रौर भंडार का ट्रांसफर नियमित आधार पर किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि राज्य में गेहूं की कमी नहीं है और नई खरीद के लिए भी गेहूं की उपलब्धता है।

First Published - June 19, 2008 | 10:54 PM IST

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