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बेमौसम बारिश: पंजाब ने बढ़ाया फसलों पर मुआवजा, एमपी ने टाली खरीद

Published by   एजेंसियां
- 27/03/2023 11:22 PM IST

पिछले कुछ सप्ताह से हो रही बेमौसम बारिश ने पंजाब में फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाया है। कुछ लोगों का कहना है कि इससे गेहूं के उत्पादन में 10 से 15 प्रतिशत की कमी आएगी, वहीं कुछ का कहना है कि इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। इस बीच राज्य सरकार ने किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि बढ़ा दी है, जिससे उन्हें कुछ राहत मिलेगी।

वहीं पूरे मार्च में हुई बारिश और ओलों से मध्य प्रदेश में भी गेहूं की खड़ी फसलें प्रभावित हुई हैं। राज्य सकार ने इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम में आधिकारिक खरीद टाल दी है। अब 28 मार्च की जगह 31 मार्च से खरीद होगी।

खबरों में कहा गया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 75 से 100 प्रतिशत फसलों को हुए नुकसान पर मुआवजा 25 प्रतिशत बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति एकड़ कर दिया है। 33 से 75 प्रतिशत नुकसान पर मुआवजा 6,750 रुपये प्रति एकड़ होगा, जो अभी 5,400 रुपये प्रति एकड़ था। मुख्यमंत्री ने विशेष गिरादवारी (खेतों के निरीक्षण व सर्वे) की घोषणा की है, जिससे राज्य के 12 जिलों में फसलों को हुए नुकसान का पता लगाया जा सके।

वहीं दिल्ली में सरकारी कंपनी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने सोमवार को कहा कि थोक उपभोक्ताओं, संस्थानों और राज्य सरकारों को ई-नीलामी के जरिये रियायती दरों पर गेहूं की बिक्री फिलहाल रोक दी गई है क्योंकि अगले महीने से नई फसल की खरीद शुरू हो जाएगी।

खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत एफसीआई ने ई-नीलामी के जरिये 15 मार्च तक 33 लाख टन गेहूं बेचा है, जिसमें से खरीदारों ने अब तक 31 लाख टन अनाज का उठाव कर लिया है। उन्हें 31 मार्च तक शेष मात्रा उठानी है।

एफसीआई के प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने कहा, ‘थोक उपभोक्ताओं के लिए गेहूं की पिछली ई-नीलामी 15 मार्च को की गई थी। नीलामी फिलहाल रोक दी गई है क्योंकि आने वाले दिनों में नई फसल की खरीद में तेजी आएगी।’

ओएमएसएस के तहत नेफेड और राज्य सरकारों जैसी संस्थाओं को गेहूं की बिक्री भी बंद कर दी गई है। उन्होंने कहा कि गेहूं की नीलामी तभी शुरू होगी जब बाजार में हस्तक्षेप की जरूरत होगी। सरकार ने जनवरी में गेहूं और गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की थी। ओएमएसएस के तहत बिक्री के लिए कुल 50 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया था।