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एक दिन में रुपये में हुई तीन हफ्ते की सबसे बड़ी बढ़त

बुधवार को स्थानीय मुद्रा 0.36 फीसदी की बढ़त के साथ 86.96 प्रति डॉलर पर बंद हुई जबकि पिछला बंद स्तर 87.27 प्रति डॉलर था

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- March 05, 2025 | 11:24 PM IST

डॉलर के कमजोर होने और भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से सरकारी बैंकों के डॉलर की बिकवाली करने से रुपये में 11 फरवरी के बाद की अब तक की सबसे बड़ी एकदिवसीय बढ़त दर्ज हुई। डीलरों ने यह जानकारी दी। बुधवार को स्थानीय मुद्रा 0.36 फीसदी की बढ़त के साथ 86.96 प्रति डॉलर पर बंद हुई जबकि पिछला बंद स्तर 87.27 प्रति डॉलर था। इस वित्त वर्ष में रुपये में अब तक 4.09 फीसदी की गिरावट आई है जबकि इस कैलेंडर वर्ष में इसमें 1.55 फीसदी का अवमूल्यन हुआ है।

एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, रुपये में मजबूती इसलिए आई क्योंकि सुबह डॉलर इंडेक्स में गिरा हुआ था और वैश्विक संकेतों के कारण एशियाई मुद्राओं में भी तेजी थी। उन्होंने कहा, हमें लगता है कि यहां से रुपया मजबूती के साथ कारोबार करेगा लेकिन लंबी अवधि में हम इसे 88 से 89 प्रति डॉलर पर कारोबार करते हुए देखते हैं। इसकी वजह अप्रैल में दरों एक कटौती हो सकती है।

अमेरिकी वृद्धि के परिदृश्य की चिंताओं और वृद्धि और मुद्रास्फीति पर व्यापार शुल्कों के असर की अनिश्चितता के बीच डॉलर इंडेक्स 0.6 फीसदी गिरकर 104.9 पर आ गया, जो नवंबर 2024 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है। यह इंडेक्स छह प्रमुख मुद्राओं की बास्केट के मुकाबले डॉलर की मजबूती बताता है।

अमेरिका ने मेक्सिको और कनाडा से आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाया है जबकि चीन से आयात पर शुल्क को दोगुना करके 20 फीसदी किया गया है। इसके अलावा, राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि भारत पर भी जवाबी शुल्क लागू किए जाएंगे, जो 2 अप्रैल से प्रभावी होंगे।

एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, शुल्कों पर घोषणा से रुपये को विपरीत दिशा में जाना चाहिए था, क्योंकि अस्थिरता बहुत ज्यादा थी। लेकिन कनाडा पर शुल्क हटाने की चर्चा के कारण रुपये और अन्य एशियाई मुद्राओं में मजबूती आई। इसलिए ट्रंप शुल्क लगाएंगे, इसे लेकर बहुत अधिक निश्चितता नहीं है।

दूसरी ओर, बैंकिंग प्रणाली में शुद्ध नकदी मंगलवार को सुधरी और अब इसमें 20,416 करोड़ रुपये की कमी रह गई जबकि सोमवार को 1.09 लाख करोड़ रुपये की कमी थी। विशेषज्ञों ने कहा कि शुक्रवार को आरबीआई के 10 अरब डॉलर के डॉलर-रुपये की खरीद/बिक्री स्वैप के कारण नकदी में सुधार हुआ है।

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, नकदी में सुधार हुआ है क्योंकि स्वैप के कारण सिस्टम में रुपये की तरलता आई होगी, लेकिन कर भुगतान के रूप में निकासी भी होनी है।

First Published : March 5, 2025 | 10:58 PM IST