facebookmetapixel
शेयर बाजार में तीसरे दिन तेजी; सेंसेक्स 595 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,850 अंक के पारGroww IPO की धमाकेदार लिस्टिंग! अब करें Profit Booking या Hold?Gold में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! जानिए ब्रोकरेज ने क्यों कहा?सेबी चीफ और टॉप अफसरों को अपनी संपत्ति और कर्ज का सार्वजनिक खुलासा करना चाहिए, समिति ने दिया सुझावKotak Neo का बड़ा धमाका! सभी डिजिटल प्लान पर ₹0 ब्रोकरेज, रिटेल ट्रेडर्स की बल्ले-बल्लेभारी बारिश और चक्रवात मोंथा से कपास उत्पादन 2% घटने का अनुमान, आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीदSpicejet Q2FY26 results: घाटा बढ़कर ₹635 करोड़ हुआ, एयरलाइन को FY26 की दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदRetail Inflation: खुदरा महंगाई अक्टूबर में घटकर कई साल के निचले स्तर 0.25% पर आई, GST कटौती का मिला फायदाGold ETFs में इनफ्लो 7% घटकर ₹7,743 करोड़ पर आया, क्या कम हो रही हैं निवेशकों की दिलचस्पी?चार्ट्स दे रहे ब्रेकआउट सिग्नल! ये 5 Midcap Stocks बना सकते हैं 22% तक का प्रॉफिट

हाइब्रिड बीजों से असंतुष्ट हैं वैज्ञानिक

Last Updated- December 07, 2022 | 6:42 AM IST

धान की अधिक पैदावार लेने के लिए हाइब्रिड बीजों का इस्तेमाल करने की उत्तर प्रदेश सरकार की योजना कृषि वैज्ञानिकों की नजर में घाटे का सौदा है।


खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का कृषि विकास विभाग इस वर्ष हाइब्रिड बीज बोकर अधिक उपज प्राप्त करने की योजना बना रहा है। विभाग ने पूरे प्रदेश में 9 लाख हेक्टेयर भूमि पर हाइब्रिड धान के बीजों से खेती कराने की योजना बनायी है।

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) ने जब हाइब्रिड बीजों की बोआई एग्री क्लाइमेटिक जोन के हिसाब से करवा कर परीक्षण किया तो नतीजे खराब निकलें। उपकार के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार हाइब्रिड बीजों के परीक्षण के दौरान सात रोगों के लक्षण दिखाई पड़े हैं। गलत बीज के इस्तेमाल से किसानों को नुकसान नहीं हो इसलिए परीक्षण से संबंधित सारे रिपोर्ट कृषि विभाग को भेज दिए गए हैं।

हाइब्रिड बीजों का प्रयोग ‘धान का कटोरा’ कहे जाने वाले पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में ही परीक्षण के दौरान खरा नहीं उतरा है। प्रदेश में सबसे अधिक धान की पैदावार इसी क्षेत्र में होती है।कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस के सिंह के अनुसार मॉनसून के सही रहने पर धान की खेती के लिए हाइब्रिड बीजों पर निर्भर रहने की रिपोर्ट कोई जरुरत नहीं रहेगी।

गौरतलब है कि प्रदेश में इस साल मॉनसून का आगमन समय से एक सप्ताह पहले ही हो गया है। लखनऊ और कानपुर के आस पास के क्षेत्रों में अब तक 100 मिलिलीटर से अधिक बारिश हो चुकी है जबकि बुंदेलखंड के झांसी मंडल में बीत दो दिनों में 13 मिलिलीटर पानी बरसा है।

First Published - June 19, 2008 | 10:46 PM IST

संबंधित पोस्ट