Rupee vs Dollar: डॉलर के मुकाबले करीब चार सत्रों में मजबूत होने के बाद गुरुवार को रुपया 88 प्रति डॉलर के स्तर से नीचे चला गया। अमेरिका के केंद्रीय बैंक- फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के बाद ऐसा हुआ। एशियाई मुद्राओं में भी नरमी रही। माना जा रहा है कि दो बार और ब्याज दरें घटाई जा सकती हैं लेकिन फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के बयान को कठोर संकेत माना गया। रुपया 0.36 फीसदी गिरकर 88.13 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इसका पिछला बंद भाव 87.81 प्रति डॉलर था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में सीनियर रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा, ‘भारतीय रुपये की चार दिन की तेजी में रुकावट आई, जो क्षेत्रीय मुद्राओं की कमजोरी को दर्शाती है।’ परमार ने कहा, ‘फेडरल रिजर्व द्वारा 25 आधार अंक की कटौती के बाद डॉलर में तेजी से उछाल आई, खासतौर पर इसलिए कि ‘आंकड़ों’ से संकेत मिलते हैं कि 2025 के अंत तक दो और कटौतियों की संभावना है। अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने के बावजूद रुपये के रुझान में नरमी बनी हुई है और इसका मूल्यह्रास वर्तमान में दर की नरमी में बाधक बनने के बजाय विकास को स्थिर करने का काम कर रहा है।’
सरकारी बॉन्ड बाजार में भी उल्लेखनीय बिकवाली का दबाव देखा गया क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व से नरम टिप्पणी की उम्मीद की जा रही थी लेकिन वे उसकी सख्ती से हैरान थे। उम्मीदों में इस बदलाव ने बिकवाली की स्थिति बना दी ऐसे में खासतौर पर प्राथमिक डीलरों, निजी बैंकों और विदेशी बैंकों ने अपनी पोजिशन में कटौती की।