facebookmetapixel
TCS में 26% तक रिटर्न की उम्मीद! गिरावट में मौका या खतरा?किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?DMart Q2 Results: पहली तिमाही में ₹685 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, आय भी 15.4% उछलाCorporate Actions Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में होगा धमाका, स्प्लिट- बोनस-डिविडेंड से बनेंगे बड़े मौके1100% का तगड़ा डिविडेंड! टाटा ग्रुप की कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेBuying Gold on Diwali 2025: घर में सोने की सीमा क्या है? धनतेरस शॉपिंग से पहले यह नियम जानना जरूरी!भारत-अमेरिका रिश्तों में नई गर्मजोशी, जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत गोर से नई दिल्ली में की मुलाकातStock Split: अगले हफ्ते शेयरधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, कुल सात कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिटBonus Stocks: अगले हफ्ते कॉनकॉर्ड और वेलक्योर निवेशकों को देंगे बोनस शेयर, जानें एक्स-डेट व रिकॉर्ड डेट

चावल की खरीद 1 करोड़ टन के पार

Last Updated- December 08, 2022 | 4:00 AM IST

केंद्र सरकार द्वारा की गई चावल की खरीद आज 100 लाख टन को पार कर गई। पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस बार की खरीद में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।


भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘चालू सीजन में 17 नवंबर को चावल की खरीद 101.7 लाख टन के स्तर को पार कर गई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 84.7 लाख टन था।’

2008-09 के सीजन (अक्टूबर से नवंबर) में सरकार का लक्ष्य 276 लाख टन चावल खरीदने का है। चावल की सामान्य किस्मों के लिए सरकार ने 850 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है जबकि ‘ग्रेड ए’ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 880 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।

इसके अलावा केंद्र सरकार ने इस सीजन में एमएसपी के अतिरिक्त 50 रुपये प्रति क्विंटल के बोनस की घोषणा भी की है।चावल की खरीद का सीजन हरियाणा को छोड़ कर शेष राज्यों में 1 अक्टूबर से शुरू हुआ था।

राज्य सरकार के अनुरोध पर हरियाणा में चावल की खरीद 22 सितंबर से शुरू कर दी गई। हरियाणा में चावल की खरीद जल्द शुरू हो जाने के बावजूद सरकार 17 अक्टूबर तक 12.3 लाख टन चावल ही खरीद पायी जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 13.2 लाख टन था।

सभी राज्यों की तुलना में पंजाब के किसानों का योगदान सबसे अधिक (80 लाख टन) रहा। एफसीआई के अधिकारी ने बताया कि इस साल धान की आवक और इसकी खरीद दोनों ही अधिक हुई है जो इस बात की ओर इशारा करता है कि उत्पादन अच्छा हुआ है साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्यों से किसान भी खुश हैं।

एफसीआई के आंकड़ों के अनुसार, मंडियों में धान की आवक 176.2 लाख टन को पार कर चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 162.7 लाख टन थी। केंद्र सरकार भी इस साल मंडियों में आए धान का 84 प्रतिशत खरीदने में सक्षम रही है जबकि पिछले साल यह 75 प्रतिशत थी। 2007-08 के सीजन में 285 लाख टन चावल की खरीद की गई थी।

First Published - November 17, 2008 | 11:33 PM IST

संबंधित पोस्ट