एमसीएक्स के वायदा कारोबार की सूची में एक और महंगी धातु का नाम जुड़ने जा रहा है। शुक्रवार से एमसीएक्स प्लैटिनम का वायदा कारोबार शुरू कर रहा है।
जापान के तोक्यो कमोडिटी एक्सचेंज व न्यू यॉर्क कमोडिटी एक्सचेंज में पहले से ही प्लैटिनम का वायदा कारोबार हो रहा है। शुक्रवार से प्लैटिनम के सितंबर व दिसंबर महीने के लिए वायदा कारोबार की शुरुआत होगी। एमसीएक्स सूत्रों के मुताबिक अधिकतम पांच किलोग्राम प्लैटिनम की खरीदारी की जा सकती है।
मुंबई को इसकी डिलिवरी का केंद्र बनाया गया है। प्लैटिनम की सबसे अधिक खपत (56 फीसदी) ऑटोमोबाइल क्षेत्र में होती है। इसके अलावा आभूषण बनाने व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसका इस्तेमाल होता है।
सूत्रों के मुताबिक बीते पांच सालों में प्लैटिनम की कीमत में लगभग चार गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। इन्हीं चीजों से आकर्षित हो एमसीएक्स ने प्लैटिनम का वायदा कारोबार शुरू किया है। वर्ष 2003 में प्लैटिनम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजर में 600 डॉलर प्रति आउंस थी, जो अप्रैल 2008 में बढ़कर 2,299 डॉलर प्रति आउंस के स्तर पर पहुंच गयी।
सोने से भी महंगे इस धातु का कुल उत्पादन 180 टन बताया जाता है, जो कि सोने के कुल उत्पादन का मात्र 7 फीसदी है तो चांदी के कुल उत्पादन का 1 फीसदी। प्लैटिनम की खपत भारत में हर साल 10 फीसदी की दर से बढ़ेगी। 2003 के दौरान भारत में प्लैटिनम की कुल खपत 6 टन की थी जो 2006-07 के दौरान 9 टन की हो गयी। एमसीएक्स के मुताबिक आने वाले समय में एशिया में गाड़ियों की संख्या बढ़ने के कारण प्लैटिनम जैसे धातु की मांग बढ़ने वाली है।