बारिश के कारण प्याज की फसल को हुए नुकसान के कारण इन दिनों इसके दाम चढ रहे हैं। प्याज की रोपाई के समय बारिश से प्याज की उत्पादकता में भारी कमी आई है। इस समय बाद के खरीफ सीजन वाला प्याज खेतों से निकल रहा है। उत्पादकता में कमी से इसकी पैदावार कम है। पैदावार घटने और आवक में देरी के कारण बीते दो सप्ताह में प्याज के दाम 20 से 40 फीसदी बढ चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक अगले माह के आखिर तक प्याज की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है। मार्च के आखिर से रबी सीजन वाले प्याज की आवक होने पर प्याज के दाम घटने लगेंगे। बाद के खरीफ सीजन में 25 से 30 लाख टन प्याज पैदा होता है। इस बार इसमें 50 फीसदी तक गिरावट आ सकती है।
बीते दो सप्ताह के दौरान मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट की लासलगांव मंडी में प्याज के दाम 1,000 से 3,000 रुपये से बढकर 1,200 से 3,500 रुपये, दिल्ली की आजादपुर मंडी में भाव 1,800 से 2,500 रुपये बढकर 2,200 से 3,500 रुपये और गुजरात की भावनगर मंडी में भाव 1,500 से 2,800 रुपये से बढकर 2,000 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। थोक भाव बढने से इस दौरान प्याज की खुदरा कीमतों में भी इजाफा हुआ है। सरकारी आंकडों के मुताबिक दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 35 रुपये से बढकर 50 रुपये, मुंबई में 47 रुपये से बढकर 54 रुपये, भोपाल में 25 रुपये से बढकर 30 रुपये प्रति किलो हो गई है।
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष और महाराष्ट के किसान श्रीराम गाढवे कहते हैं कि महाराष्ट, गुजरात में नवंबर से दिसंबर में प्याज के खेतों में लगाने के समय हुई बारिश से इसकी फसल को नुकसान हुआ। जिससे इस समय आ रही लेट खरीफ सीजन की प्याज की उत्पादकता में 50 फीसदी कमी आने का अनुमान है। इस वजह से प्याज के दाम बढ रहे हैं। आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पीएम शर्मा ने बताया कि महाराष्ट के साथ गुजरात में भी प्याज की फसल खराब हुई है। इस समय दिल्ली में गुजरात से बडी मात्रा में प्याज की आवक होती है। राजस्थान की नई आवक अब खत्म होने के कगार पर है। ऐसे में गुजरात और महाराष्ट से नई आवक में देरी और इसके कम आने से प्याज के दाम बीते कुछ दिनों से लगातार बढ रहे हैं।
कारोबारियों का कहना है कि इस माह प्याज की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। शर्मा ने कहा कि इस माह के आखिर तक गुजरात और अगले महीने से महाराष्ट से आवक बढने लगेगी। इसके बाद ही प्याज की महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है। गाढवे कहते हैं कि मार्च आखिर से रबी सीजन वाले प्याज की आवक शुरू हो जाएगी, इसके बाद ही प्याज के दाम के दाम सामान्य होने की संभावना है।
राष्टीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान के आंकडों के मुताबिक इस साल जनवरी में मंडियों में करीब 36 लाख क्विंटल प्याज की आवक हुई, जो पिछले साल जनवरी की आवक करीब 66 लाख टन से काफी कम है। पिछले साल फरवरी में करीब 54 लाख टन प्याज की आवक हुई थी, इस साल अब तक करीब 10 लाख टन आवक हो चुकी है। अब तक आवक को देखते हुए इस साल फरवरी में पिछले साल फरवरी की तुलना में आवक कम ही रहने की संभावना है।