अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन हस्तांतरित करने के मसले पर गुरुवार को होने वाले भारत बंद के दौरान देश भर के प्रमुख बाजार बंद रहे।
दिल्ली में कारोबारियों ने विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया के साथ एक हवन यज्ञ का भी आयोजन किया। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक बंद के दौरान देश भर के 5 करोड़ दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद रखीं।
बाजार के बंद होने से सरकार को 800 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। सिर्फ दिल्ली में इस बंद से 300 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ। सीएआईटी के अध्यक्ष बीसी भरतिया के मुताबिक महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटकव कई अन्य प्रांतों के कारोबारियों ने बंद को खुला समर्थन दिया। बाजार से जुड़े 15 करोड़ लोगों ने खुद को कामकाज से अलग रखा।
सीएआईटी के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड को जमीन देने के मामले में करोड़ों लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के विरोध में दिल्ली के कारोबारियों ने एक हवन का आयोजन किया। इस दौरान दिल्ली के तमाम थोक मंडी व खुदरा बाजार बंद रहे। चांदनी चौक के कपड़ा बाजार, भागीरथ पैलेस के दवाई बाजार, नया बाजार की अनाज मंडी, खारी बॉओली का किराना व मेवा बाजार, कश्मीरी गेट का ऑटोमोबाइल पाट्र्स बाजार के साथ क रोल बाग, कमला नगर व अन्य की जगहों के बाजार बंद रहे।
माना जा रहा है कि दिल्ली के छोटे-बड़े 600 से अधिक दुकानें गुरुवार को बंद रहीं। दिल्ली सरकार को इससे 30 करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी कारोबार पूर्ण रूप से ठप रहा। जयपुर में बंद के दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे और बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों के व्यापारियों ने बंद को खुला समर्थन दिया।