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बारिश की हल्की फुहारें होंगी फसलों के लिए वरदान, किसानों के चेहरे पर मुस्कान

Last Updated- December 10, 2022 | 12:46 AM IST

गत मंगलवार की बारिश से गेहूं किसानों में खुशी की लहर है। वहीं पकने की स्थिति में पहुंच चुकी सरसों को इससे कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। उत्तर प्रदेश व पंजाब के कुछ इलाकों में अगले दो-तीन दिनों में भी बारिश की संभावना जाहिर की जा रही है।
पिछले एक माह से तापमान में लगातार बढ़ोतरी के कारण किसान गेहूं की फसल में गिरावट की आशंका जाहिर कर रहे थे। किसानों ने बताया कि तापमान अधिक होने से गेहूं में समय से पहले बाल आ रहे थे जिससे फसल कमजोर हो जाती।
लेकिन मंगलवार को हुई बरसात की वजह से अब गेहूं समय पर पकेगा और उसकी गुणवत्ता भी कायम रहेगी। मंगलवार की रात पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 3-5 मिलीमीटर की बारिश हुई जो कि गेहूं की फसल के लिए काफी फायदेमंद बताया जा रहा है।
किसान नेता चौधरी युध्दबीर सिंह कहते हैं कि पंजाब में सबसे अधिक गेहूं का उत्पादन होता है, इस लिहाज से गेहूं के उत्पादन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिनों में अमृतसर, होशियारपुर व आसपास के इलाकों में बारिश की संभावना है।
किसानों का कहना है कि बारिश के कारण पंजाब, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाकों में आगामी एक सप्ताह तक तापमान में गिरावट बनी रहेगी जिससे गेहूं की फसल को लाभ मिलेगा। सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक बीते पांच सालों के मुकाबले अपने अधिकतम स्तर पर है।
सरकार के पास फिलहाल 195 लाख टन से अधिक गेहूं का स्टॉक है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान इस बारिश को लेकर ज्यादा ही खुश है। उनका कहना है कि गन्ने की कटाई में देरी के कारण उन्होंने गेहूं की बुवाई लगभग एक माह की देरी से की। 

ऐसे में पिछले 15 दिनों से रिकार्ड तापमान के कारण उन्हें गेहूं के उत्पादन में 25 फीसदी तक की गिरावट नजर आ रही थी। लेकिन अब स्थिति कुछ संभलती नजर आ रही है।  
हरियाणा के सरसों किसान का कहना है कि पिछले 15 दिनों से तेज धूप के कारण सरसों लगभग पक चुकी है और बारिश की बूंद पड़ने से आने वाले समय में धूप निकलने पर सरसों चटक जाएगी। 
हालांकि सरसों का मुख्य रूप से राजस्थान में उत्पादन होता है और वहां बारिश नहीं हुई है। लेकिन तापमान में गिरावट वहां भी दर्ज की गयी है।  कारोबारियों का कहना है कि अब सरसों की आवक में देरी हो सकती है जिससे सरसों तेल की कीमत में 1-2 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी आने की संभावना है।
इस बार सरसों का उत्पादन 70 लाख टन के आसपास रहने का अनुमान है जो कि पिछले साल के मुकाबले लगभग 15-18 फीसदी अधिक है। तेज धूप एवं मौसम के साफ होने के कारण इस साल सरसों की आवक तय समय से 15-20 दिन पहले ही शुरू होने की संभावना थी लेकिन अब सरसों की आवक में देरी हो सकती है।

First Published - February 11, 2009 | 10:18 PM IST

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