मध्य गुजरात में अधिकतर तंबाकू किसान अब तंबाकू की बजाय दूसरी नकदी फसलें उगाने पर ध्यान लगाए हुए हैं।
नतीजतन इस साल उत्पादन में बड़े पैमाने पर कमी आने की उम्मीद की जा रही है। रबी की इस फसल में तंबाकू के उत्पादन में 40 फीसदी तक की कमी आ सकती है। पिछले साल गुजरात में 1,00,000 टन तंबाकू का उत्पादन हुआ था। कम उत्पादन की वजह से इस साल कच्चे तंबाकू की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है।
दरअसल मध्य गुजरात में बड़े पैमाने पर तंबाकू की खेती होती रही है। अब यहां के किसान तंबाकू की बजाय कपास, अरंडी, केला और अन्य सब्जियों जैसी नकदी फसलें उगा रहे हैं। नतीजतन तंबाकू के उत्पादन में कमी आ रही है।
गुजरात तंबाकू व्यापारी असोसिएशन (गुजरात टोबेको मर्चेंट्स असोसिएशन, जीटीएमए) के अध्यक्ष भीखूर्भाई पटेल कहते हैं कि किसानों के दूसरी फसलों का रुख करने के अलावा बेमौसम बरसात और दूसरे कारणों से भी तंबाकू के उत्पादन में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कपास और अरंडी जैसी नकदी फसलों के जरिये किसानों को बेहतर आमदनी हो रही है। इसलिए किसान, तंबाकू की बजाय इन फसलों की ओर मुखातिब हो रहे हैं।
भारत में तंबाकू का प्रमुख उपयोग गुटखा और बीड़ी बनाने में किया जाता है। गुटखा और बीड़ी बनाने के लिए 80 फीसदी तंबाकू की आपूर्ति गुजरात से ही होती है। दरअसल पिछले कई सालों से गुजरात में तंबाकू की पैदावार में कमी आई है। गुजरात सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2003-04 में राज्य में 2,50,000 टन तंबाकू की पैदावार हुई थी जो 2006-07 तक घटते-घटते 1,00,000 टन तक पहुंच गई।
इस साल इसमें भी 40 फीसदी कटौती होने की संभावना जताई जा रही है। उद्योग से जुड़े लोगों को डर सता रहा है कि यह सिलसिला अगले साल भी चलेगा। खुद सरकारी सूत्रों ने पिछले तीन-चार सालों में तंबाकू की खेती में कमी की बात की पुष्टि की है।
कम उत्पादन से तंबाकू की कीमतें इस साल बहुत तेजी से बढ़ सकती हैं। पिछले एक महीने में ही बढ़िया किस्म के तंबाकू की कीमतों में प्रति 20 किलोग्राम 300 से 400 रुपये की बढोतरी हुई है। दूसरी ओर देशी किस्म के तंबाकू की कीमतों ने 1,400 रुपये प्रति 20 किलो के आंकड़े को छू लिया है जबकि पिछले साल इसी दौरान इस किस्म के तंबाकू की कीमत 900 से 925 रुपये प्रति 20 किलोग्राम के आसपास थीं।
जबकि कलकतिया किस्म के तंबाकू की कीमतों ने तो रेकॉर्ड ही बना दिया है। इस साल इस किस्म के तंबाकू की कीमतें 1,200 रुपये प्रति 20 किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। पिछले साल इसकी कीमतें 400 से 500 रुपये प्रति 20 किलोग्राम के बीच में थीं।
भीखूभाई पटेल कहते हैं कि यह पहली बार हो रहा है कि तंबाकू की कीमतें 1,400 रुपये प्रति 20 किलोग्राम के स्तर तक पहुंच गई हैं। इसकी वजह से बीड़ी और गुटखा बनाने वाली कंपनियों को कच्चा माल यानी तंबाकू की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है।