Global Turmeric Conference: नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) ने देश में हल्दी के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र के बालासाहेब ठाकरे हरिद्रा रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर के साथ समझौता किया है। समझौते के तहत हल्दी की समूची मूल्य श्रृंखला विकसित करने के उपाय होंगे, जिनमें गुणवत्ता, ग्रेड, फसल उगाने के तरीकों, भाव के उतार चढ़ाव से बचने और वित्त का इंतजाम करने की जानकारी दी जाएगी।
समझौता मुंबई में संपन्न पहले वैश्विक हल्दी सम्मेलन के दौरान हुआ। सम्मेलन में एफपीओ, कंपनियों और निर्यातकों को हल्दी उत्पादन की सर्वश्रेष्ठ विधियों, मार्केटिंग, गुणवत्ता, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के साधनों और मौसम के असर के बारे में जानकारी दी गई।
देश में हल्दी के कुल उत्पादन में करीब 50 फीसदी योगदान महाराष्ट्र का ही है। विशेषज्ञों के अनुसार वहां उगी हल्दी में करक्यूमिन की मात्रा बाकी हिस्सों में उग रही हल्दी में औसत मात्रा से दोगुनी है। करक्यूमिन औषधीय तत्व होता है, जो गठिया, सूजन आदि से बचाता है। प्रदेश में हल्दी को और बेहतर बनाने तथा देश के बाकी हिस्सों तक उसे पहुंचाने के लिए हरिद्रा शोध केंद्र को NCDEX की पूरी मदद मिलेगी।
NCDEX के प्रबंध निदेशक तथा सीईओ अरुण रास्ते ने कहा कि एक्सचेंज का मकसद बाजार के सभी भागीदारों के लिए सौदों तथा लेनदेन की साझा जगह मुहैया कराना है और पहला वैश्विक हल्दी सम्मेलन यह मकसद पूरा करने में कामयाब रहा है। सम्मेलन ने हल्दी क्षेत्र के विभिन्न घटकों जैसे उत्पादन के सर्वश्रेष्ठ तरीकों, मार्केटिंग, गुणवत्ता, भाव में उतार-चढ़ाव से बचाव और अंतरराष्ट्रीय व्यापार आदि पर चर्चा के लिए अहम मंच उपलब्ध कराया। सम्मेलन में फसल उत्पादन पर बड़ा असर डालने वाले मौसम के हालात पर भी चर्चा की गई।
बालासाहेब ठाकरे हरिद्रा रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर से जुड़े व हिंगोली के सांसद हेमंत पाटिल ने कहा कि हल्दी अब महाराष्ट्र के किसानों के लिए कमाल कर रही है। यह फसल किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रमुख जरिया बन गई है और जल्द ही तैयार होने वाला शोध केंद्र इस प्रक्रिया को अगले स्तर पर ले जाएगा।