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मांग में कमी की चिंताओं से फिसल गया कच्चा तेल

Last Updated- December 08, 2022 | 2:05 AM IST

उभरते बाजारों में मांग में कमी की चिंताओं से एशियाई रीफाइनरों के आयात में आई कमी के कारण तेल की कीमतों में शुरुआती उछाल के बाद आज गिरावट देखी गई।


एशिया के सबसे बड़े रीफाइनर चाइना पेट्रेलियम ऐंड केमिकल कॉर्प ईंधन की घटती मांगों को देखते हुए कुछ संयंत्रों में अपेक्षाकृत कम तेल का शोधन करेगी। दक्षिण कोरिया ने अक्टूबर महीने में 1.4 फीसदी कम कच्चे तेल का आयात किया है क्योंकि वैश्विक ऋण संकट से एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी अछूती नहीं रह गई है।

फ्रैंकफर्ट स्थित कॉमर्जबैंक एजी के विश्लेषक यूजेन वेनवर्ग ने कहा, ‘उभरते बाजारों की मांग में वृध्दि काफी तेजी से कम हो रही है। परिदृश्य कमजोर है और कारोबारियों तथा निवेशकों के लिए चिंता की बात है।’

दिसंबर डिलिवरी वाले कच्चे तेल की कीमतों में आज प्रति बैरल 1.27 डॉलर या 1.9 प्रतिशत की गिरावट आई और न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज पर इसका कारोबार 66.54 डॉलर प्रति बैरल के हिसाब से किया जा रहा था।  शुरुआत में इसमें 2 प्रतिशत तक की तेजी आई थी और इसका कारोबार 69.19 डॉलर प्रति बैरल पर किया जा रहा था।

विशेषज्ञों की राय

सिंगापुर स्थित ऊर्जा सलाहकार पुर्विन ऐंड गर्ट्ज इंक के वरिष्ठ प्रिंसिपल विक्टर शुम ने कहा, ‘बाजार के कई प्रतिभागियों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में तेल की आपूर्ति कम होगी। ओपेक ने दोबारा उत्पादन में कटौती करने की बात कही थी और अब वह गैर-ओपेक देशों जिसमें रूस भी शामिल है, को उत्पादन में कटौती करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।’

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज, जो विश्व के कुल कच्चे तेल की 40 प्रतिशत की आपूर्ति करता है, ने वियना की बैठक में तेल की घटती कीमतों के मद्देनजर दैनिक उत्पादन में 15 लाख बैरल की कटौती करने का निर्णय लिया था।

उत्पादन में कटौती

लंदन स्थित ड्रेस्ड्नर क्लेनवर्ट ग्रुप लिमिटेड के एक विश्लेषक गैरेथ लेविस-डेविस ने 31 अक्टूबर को जारी किए एक रिपोर्ट में कहा था-ओपेक चाहता है कि कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास रहें और इसके लिए अल्जीरिया में होने वाली बैठक में वह फिर से उत्पादन में कटौती की घोषणा करेगा जो अगले वर्ष से प्रभावी होगा।

रूस के ऊर्जा मंत्री ने कल कहा था कि रूस के तेल उत्पादन में कमी आई है क्योंकि पुराने कुओं के उत्पादन में तेजी से कमी आई है और नए कुएं उस अनुपात में नहीं जोड़े गए हैं। तेल मंत्री गुलाम हुसैन नोजारी ने कल कहा कि पिछले महीने उत्पादन में कटौती पर ओपेक की सहमति के कारण यूरोप की तीसरी सबसे बडी तेल कंपनी टोटल एसए को इरान द्वारा बेचे जाने वाले दैनिक तेल की मात्रा में 70,000 बैरल की कमी आएगी।

अमेरिका और यूरोप की आर्थिक मंदी के उभरते बाजारों में फैलने के संकेतों के कारण तेल की खपत में हाने वाली कमी के कारण पिछले महीने तेल में रेकॉर्ड 33 प्रतिशत की गिरावट आई। इससे पहले तेल की कीमतों में रेकॉर्ड गिरावट फरवरी 1986 में आई थी जब कच्चे तेल की कीमत 30 प्रतिशत घट कर 13.26 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गई थी।

न्यूयॉर्क में तेल का कारोबार 30 मार्च 1983 को शुरू किया गया था। दिसंबर निपटान वाले ब्रेंट क्रूड ऑयल में 2.1 प्रतिशत की बढ़त हुई और इसकी कीमत लंदन के आईसीई फ्यूचर्स यूरोप एक्सचेंज पर 66.70 डॉलर प्रति बैरल रही।

सिंगापुर में दोपहर 2.00 बजे इसकी कीमत 66.50 डॉलर प्रति बैरल रही। आज एशियाई शेयरों में तेजी देखने को मिली क्योंकि दक्षिण कोरिया ने अपनी अर्थव्यवस्था में 10.8 अरब डॉलर प्रवाहित करने की बात कही है और भारत ने वैश्विक ऋण संकट से निपटने के लिए ब्याज दरों में कटौती की है।

First Published - November 3, 2008 | 10:28 PM IST

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