चीनी नूडल्स

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:23 PM IST

ताइपे, 25 फरवरी। भागमभाग और व्यस्त जिंदगी में जहां लोगों के पास ज्यादा समय नहीं है,ऐसे में भूख लगे तो भी लोग यही चाहते हैं कि उन्हें कुछ ऐसा मिल जाए जो झटपट तैयार हो सके। चीन में करीब 1.3 अरब लोग हर रोज झटपट तैयार होने वाले(इंस्टेंट) नूडल्स खाते हैं। इसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि चीन की तेज रफ्तार अर्थव्यवस्था में एक ऐसे वर्ग का भी योगदान है जो इस व्यंजन को बड़े चाव से खा रहा है। चीन इंस्टेंट नूडल्स का उत्पादन करने वाला विश्व का सबसे बड़ा देश है। यहां बड़े ब्रांड के इंस्टेंट नूडल्स के एक पैकेट की कीमत भी करीब एक से पांच युआन के बीच होती है। दिलचस्प है कि देश में प्रति व्यक्ति सालाना इंस्टेंट नूडल्स पर पांच डॉलर खर्च करता है। चाहे वह शांघाई के किसी कार्यालय में काम करने वाला कर्मचारी हो या फिर शेंझेन में काम करने वाला कोई मजदूर, सबकी पसंद इंस्टेंट नूडल्स हैं जो कम समय में बड़ी आसानी से तैयार हो जाते हैं। शांघाई में रहने वाली 41 वर्षीस गृहिणी युन कहती हैं, ”मेरे पति और बच्चों के लिए सुबह और शाम के नाश्ते के रूप में ये नूडल्स पहली पसंद हैं। हफ्ते में कम से कम दो बार तो वे इसे खाते ही हैं। ”
कितना बड़ा है कारोबार
चीन में इंस्टेंट नूडल्स का कारोबार लगभग 6.6 अरब डॉलर का है, जिसके वर्ष 2012 तक दोगुना होकर 13 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। इन नूडल्स को तैयार करने वाली ज्यादातर कंपनियां अपने ब्रांड को पहचान दिलाने और बाजार में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाने में जुटी हुई हैं। दिलचस्प है कि इस वर्ष अगस्त महीने में देश में आयोजित किए जा रहे ओलंपिक खेलों को देखते हुए कई कंपनियों ने इसे भुनाने के लिए विशेष तरह के ऑफर भी देने शुरू कर दिए हैं। कुछ कंपनियां जहां नए स्वाद के जरिए ग्राहकों को आकर्षित करने की फिराक में हैं तो वहीं कुछ दूसरी कंपनियों ने कम फैट वाले नूडल्स को बाजार में उतारा है। जहां एक ओर कंपनियां गुणवक्ता के सख्त मानदंडो को अपनाने के लिए तैयार हैं, वहीं दूसरी ओर बिक्री को बढ़ाने के लिए वे प्रचार और प्रसार पर भी खास ध्यान दे रही हैं। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2006 में इंस्टेंट नूडल्स बनाने वाली कंपनियों ने अपने उत्पाद के प्रचार के लिए 23 करोड़ 74 लाख रुपये खर्च किए थे।
किन ब्रांडों का है दबदबा
नूडल्स के इस बाजार में देश में मुख्य रूप से मास्टर कांग ब्रैंड का दबदबा है। बाजार में इसकी हिस्सेदारी 43.3 फीसदी है। वहीं दूसरे नंबर पर जापान के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने वाले निसिन हुआलोंग का है। बाजार के 14.2 फीसदी हिस्से पर इस ब्रांड का कब्जा है। तीसरे नंबर पर यूनी-प्रेसिडेंट ब्रांड है जिसकी हिस्सेदारी कुछ कम 10.5 फीसदी पर है।
सेहत का भी है ख्याल
आम तौर पर ऐसा माना जाता है कि नूडल्स स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद नहीं होते हैं और इसे रोजमर्रा के भोजन में इस्तेमाल करना नुकसानदायक हो सकता है। पर इसे ध्यान में रखते हुए ही ज्यादातर कंपनियां कम वसा वाले नूडल्स को बाजार में पेश कर रही हैं। यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल के एक विशेषज्ञ मिशेल हुआंग ने बताया, ”उपभोक्ताओं के इन नूडल्स के प्रति आकर्षित होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि नूडल्स कंपनियां अब स्वास्थ्य के प्रति खासी सजग हो गई हैं और ऐसे किस्म के नूडल्स पेश कर रही हैं जिनमें पोषक तत्व मौजूद हों।”
नूडल्स का इतिहास
कुछ लोग कहते हैं कि सबसे पहले इटली या अरब में नूडल्स को तैयार किया गया था। पर 2005 में प्राप्त एक सील किए हुए कटोरे से जो पता चला है वह यह है कि करीब 4,000 वर्ष पहले उत्तर पश्चिमी चीन में इस व्यंजन को पहली बार तैयार किया गया था। वहीं इंस्टेंट नूडल्स को लेकर स्पष्ट राय यही है कि 1958 में पहली बार निसिन फूड कॉरपोरेशन की ओर से इसे बनाया गया था। इसे तैयार करने के पीछे कि मुख्य वजह जापान के युद्ध के बाद लोगों को कुछ ऐसा भोजन उपलब्ध कराने की थी जिसे झटपट और आसानी से तैयार किया जा सके।

First Published : February 27, 2008 | 10:31 PM IST