असम के उत्पादक नहीं चाहते राज्य में चाय बेचना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 3:02 AM IST

असम में कारोबार कर रही कई बड़ी चाय कंपनियां गुवाहाटी चाय बिक्री केंद्र (जीटीएसी) से अपने उत्पाद बेचने को लेकर उदासीन हैं।


हालांकि असम सरकार ने हाल ही में कहा था कि राज्य की सभी चाय कंपनियों को इस नीलामी केंद्र के जरिए ही अपने उत्पादों को बेचना अनिवार्य किया जा सकता है।

ट्रेंटन कंसलटेंट्स नाम की एक कंसलटेंसी फर्म ने हाल ही में किए गए अपने एक सर्वे में पाया कि कोलकाता चाय नीलामी केंद्र पर बिकने वाली चाय में से 82 फीसदी तो असम की ही होती है। इस जानकारी से राज्य सरकार की चिंताएं काफी बढ़ गयी।

सूत्रों के अनुसार, कोलकाता चाय बिक्री केंद्र पर चाय बेचने से चाय कंपनियों को कुछ निश्चित फायदे मिलते हैं। भारतीय चाय संघ की असम शाखा के सचिव डी. केकोटी के मुताबिक, कंपनियां अपने उत्पाद वहीं भेजेंगे जहां उन्हें अच्छे और बेहतर खरीदार मिलेंगे। उनके लिए जगह खास मायने नहीं रखता। वे तो चाहते हैं कि उन्हें अपने उत्पादों के अच्छे दाम मिलें।

उनके अनुसार, जीटीएसी 15 करोड़ किलोग्राम चाय का कारोबार कर सकती है, इसलिए इस केंद्र को अधिक से अधिक चाय का भंडार बनाना चाहिए जिससे कि अधिक से अधिक खरीदार वहां आ सकें। पर कोलकाता के बाजार के बड़े और बहुध्रुवीय होने के कई फायदे हैं। यहां पर अधिकांश चाय कंपनियों के मुख्यालय और मालगोदाम हैं।

काकोटी के अनुसार, हालांकि जीटीएसी के चाय उत्पादन क्षेत्र में होने के अपने फायदे हैं पर असम में कानून और व्यवस्था की समस्या, चोरी और बंदरगाह की कमी के चलते इसका महत्व काफी कम हो जाता है। असम के उद्योग मंत्री प्रद्युत बारदोलोई ने अभी हाल ही में घोषणा की थी कि सभी छोटी हों या बड़ी चाय कंपनियों के लिए यह अनिवार्य बना दिया जाएगा कि वे अपने चाय को जीटीएसी के मार्फत ही बेचें।

First Published : June 3, 2008 | 12:10 AM IST