facebookmetapixel
35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखाकोयले से गैस भी बनाएगी NTPCलालकिले के धमाके का असर! विदेशियों की बुकिंग पर दबाव, लेकिन उद्योग बोले– असर होगा सिर्फ कुछ दिनों काअल्ट्राटेक से अदाणी तक: रद्द खदानों पर कंपनियों को राहत, सरकार ने शुरू की अंतिम मुआवजा प्रक्रिया

सोयाबीन खली के निर्यात में 160 फीसदी का उछाल

Last Updated- December 07, 2022 | 10:41 AM IST

हड़ताल से प्रभावित अर्जेंटीना में कम पेराई तथा और देशों के मुकाबले भारत को माल-भाड़ा संबंधित लाभ मिलने से सोयाबीन की खली के निर्यात में वृध्दि जारी है।


इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के प्रथम तिमाही में सोयाबीन खली के कुल निर्यात में 160 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में 10.9 लाख टन सोयाबीन के खली का निर्यात किया गया जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 4.1 लाख टन था।

जून 2008 के दौरान लदाई 277 प्रतिशत बढ़ कर 2,41,518 टन हो गया जबकि पिछले वर्ष 64,098 टन की लदाई हुई थी। हालांकि, मुंबई स्थित सॉल्वेंट एक्सटैक्टर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के  अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सोयाबीन की खली के निर्यात में 160 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 11.1लाख टन रहा जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में यह 4.3 लाख टन था।

चालू वित्त वर्ष प्रथम तिमाही में वियतनाम और जापान भारतीय सोयाबीन की खली का प्रमुख बाजार रहा है। इस अवधि में वियतनाम को 2.03 लाख टन खली भेजा गया जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 2.23 लाख टन था। इसमें 31.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जापान को किए जाने वाले निर्यात में भी 142.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल की पहली तिमाही में 0.73 लाख टन सोयाबीन के खली का निर्यात जापान को किया गया था जबकि इस वर्ष की पहली तिमाही में यह 1.76 लाख टन रहा है।

सोपा की एक विज्ञप्ति के अनुसार तेल-वर्ष (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान सोयाबीन की खली के निर्यात का प्रदर्शन कारोबारी नजरिये से उम्दा रहा है। वर्तमान तेल वर्ष में अभी तक 43.22 लाख टन सोयाबीन के खली का निर्यात किया जा चुका है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 31.79 टन था, इस प्रकार निर्यात में 35.92 प्रतिशत की वृध्दि हुई है। सोपा के कॉर्डिनेटर और प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘भारतीय खली में प्रोटीन तत्व के अपेक्षाकृत अधिक होने के कारण सोयाबीन की खली के निर्यात की मांग बढ़ रही है। अन्य देशों की तुलना में भारतीय खली किफायती भी है।’

भारतीय निर्यातकों ने फिलहाल प्री ऑन बोर्ड आधार पर सोयाबीन की कीमत 480-490 डॉलर प्रति टन तक रखा हुआ है जबकि अर्जेंटीना के कम प्रोटीन वाली खली की कीमत 445 डॉलर प्रति टन है। अर्जेंटीना के इस भाव में प्रति टन 60 से डॉलर का माल-भाड़ा दर शामिल नहीं है। पिछले साल सोयाबीन की जबर्दस्त फसल होने के बावजूद भारत में सोयाबीन की खली की कीमतों में नाटकीय रुप से बढ़ोतरी हुई है। इंदौर के हाजिर बाजार में साल के शुरुआत में इसकी कीमत 15,288 रुपये प्रति टन थी जबकि फिलहाल इसका भाव 21,172 रुपये प्रति टन चल रहा है।

सोयाबीन की खली का इस्तेमाल मुख्य रुप से पॉल्ट्री की फीडिंग के लिए किया जाता है।पश्चिम एशियाई देशों के अलावा दक्षिण कोरिया, जापान और थाइलैंड से भी निर्यात के भारी ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। निर्यात में होने वाली वृध्दि की एक वजह पिछले साल हुए सोयाबीन के 94.5 लाख टन का रेकॉर्ड उत्पादन भी है। इस साल भी उम्मीद है कि सोयाबीन का उत्पादन एक ना रेकॉर्ड बनाएगा क्योंकि देश के कुछ हिस्सों में गन्ने की जगह सोयाबीन की खेती की जा रही है। भारतीय पॉल्ट्री उद्योग प्रति वर्ष लगभग 20 लाख टन सोयाबीन की खली की खपत करता है।

First Published - July 10, 2008 | 11:29 PM IST

संबंधित पोस्ट