वित्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान देश में कॉफी का उत्पादन पिछले साल के 2.62 लाख टन से बढ़कर 2.93 लाख टन हो जाने का अनुमान है।
फूल लगने के बाद जारी होने वाले 2008-09 सीजन के पूर्वानुमान में द इंडिया कॉफी बोर्ड ने कहा है कि मानसून बाद के पूर्वानुमान की तुलना में कॉफी का उत्पादन 11.83 फीसदी बढ़कर 2.93 लाख टन हो सकता है।
इस संस्था के अनुसार, 2007-08 के मानसून बाद सत्र के दौरान अरबिका के उत्पादन में 7.5 हजार टन और रोबस्टा के उत्पादन में 23.5 हजार टन वृद्धि होने का अनुमान है। इस तरह, मानसून बाद सत्र के दौरान इन दोनों किस्मों के उत्पादन में क्रमश: 8.11 और 13.86 फीसदी की बढ़ोतरी होने का आकलन व्यक्त किया गया है।
उत्पादन में इस वृद्धि की मुख्य वजह दक्षिणी राज्य कर्नाटक में इसके उत्पादन में 73 फीसदी की होने वाली जोरदार बढ़त है। यहां पिछले पूर्वानुमान से 22.595 हजार टन ज्यादा कॉफी पैदा होने का अनुमान जताया गया है। केरल में भी उत्पादन में 26 फीसदी की खासी तेजी आने और पिछले पूर्वानुमान से इसके 82 हजार टन ज्यादा रहने की बात कही गयी है।
अपारंपरिक क्षेत्रों में होने वाले उत्पादन में 5 फीसदी यानि 1,680 टन की तेजी आने की बात कही जा रही है। हालांकि तमिलनाडु के बारे में कहा गया है कि उसके कुल उत्पादन में 5 फीसदी (1,475 टन) का नुकसान हो सकता है। उधर कर्नाटक में सबसे ज्यादा हसन जिले में उत्पादन बढ़ने का अंदाजा है। यहां पिछले पूर्वानुमान से 46.28 फीसदी यानि 8,875 टन ज्यादा कॉफी पैदा हो सकता है।
चिकमंगलूर में कॉफी की पैदावार पिछले पूर्वानुमान से 12.64 फीसदी यानि 8,050 टन और कोडागु में 5.22 फीसदी यानि 5,670 टन ज्यादा रहने का अनुमान लगाया गया है। इन तीनों जिलों की बात करें तो इन सबमें रोबस्टा किस्म का उत्पादन अरबिका की तुलना में ज्यादा बढ़ा है। हसन में रोबस्टा कॉफी की पैदावार में 59 और अरबिका में 40 फीसदी की तेजी हुई है। चिकमंगलूर में रोबस्टा के उत्पादन में 20 फीसदी और अरबिका में 7 फीसदी की तेजी हुई है।