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उत्पादन के मामले में आधुनिक बनेगा भारत: वित्त मंत्री

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 10:51 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले वर्ष के बजट को लेकर आशान्वित नजर आ रही हैं और उद्योग जगत से उनकी मंशा जानने में लगी हैं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘मैं महामारी के बाद ऐसा बजट देखना चाहती हूं जैसा कि इससे पहले 100 वर्ष में नहीं देखा गया है।’
उन्होंने कहा कि महामारी के बाद का भारत अलग होगा और हमारे पास करने के बहुत कुछ होगा जिसमें बजट में किए जाने वाली चीजें भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘हम वैश्विक वृद्घि की इंजन की तरह होंगे जिसके लिए हमें ऐसी क्षमताएं विकसित करनी होगी जो अब तक हमारे पास नहीं है। भारत को आपूर्ति शृंखला का हिस्सा बनने की जरूरत है।’
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्पादन के मामले में भारत को आधुनिक और प्रासंगिक होना चाहिए जिसके लिए हमें जहां कमी हो वहां क्षमता विकसित करने की जरूरत है।
आत्मनिर्भर अभियान के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर होने का मतलब यह नहीं है कि हम अपने आयातों या निर्यातों को बंद कर रहे हैं। हम वैश्विक मजबूती से लाभान्वित होना चाहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अब से एक साल बाद हमारा विनिर्माण दूसरे प्लेटफॉर्म पर होगा, दुनिया हमारी डिजिटल पदचिह्न को वैश्विक स्तर पर महसूस करेगी।
टीके के मोर्चे पर आत्मनिर्भरता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक ओर जहां बहुत सारे देश इसके निर्माण को लेकर संघर्ष कर रहे हैं भारत इस मामले में बहुत सौभाग्यशाली है। भारत टीके के उत्पादन और निर्यात की क्षमता विकसित कर चुका है। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य क्षेत्र हमारी शीर्ष प्राथमिकता में होगा और चूंकि स्वास्थ्य खर्च को अनुमानित होना चाहिए हम इसके और अधिक फंड और निजी साझेदार जुटाना चाहिए।’
सरकार बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में विचार जानने के लिए तैयार है। बजट पूर्व चर्चा में सीआईआई ने प्रस्ताव दिया था कि सरकार को स्वास्थ्य देखाभाल और बुनियादी ढांचे पर खर्च को प्रमुखता देते हुए आर्थिक सुधार को बढ़ावा देना चाहिए। इसके साथ ही उसे निजी निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना चाहिए। वित्त मंत्री ने नौकरी सृजन को सरकार के लिए एक और प्रमुखता मानते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों से स्नातक होकर निकलने वाले छात्रों के लिए कुछ नया खड़ा करने की जरूरत है।
महामारी से संबंधित दबावों पर बात करते हुए उन्होंने कहा हमें ग्रामीण भारत से सबक लेने की जरूरत है कि कैसे महामारी के बीच उसने वृद्घि में सुधार दिखाया है।

First Published : December 18, 2020 | 11:32 PM IST