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Budget 2023: डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में आई तेजी को अगले वित्त वर्ष कायम रखना हो सकता है मुश्किल

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भाषा
Last Updated- January 20, 2023 | 1:50 PM IST

वैश्विक स्तर पर सुस्ती आने और उच्च आधार प्रभाव की वजह से आयकर और कॉरपोरेट कर संग्रह में 19.5 प्रतिशत की मौजूदा ग्रोथ रेट को अगले वित्त वर्ष में कायम रख पाना मुश्किल हो सकता है। एक सरकारी सूत्र ने यह आशंका जताई है। व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर के रूप में वसूला जाने वाला शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में रिकॉर्ड दर से बढ़ा है।

इसने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में निर्धारित कर संग्रह लक्ष्य को भी पार कर लिया है। चालू वित्त वर्ष में 10 जनवरी की तारीख तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.55 प्रतिशत बढ़कर 12.31 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

यह समूचे वित्त वर्ष के लिए अनुमानित कर संग्रह का 86.68 प्रतिशत है जबकि वित्त वर्ष में अभी ढाई महीने का समय बचा हुआ है। हालांकि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों का असर देखा जा सकता है।

सरकारी सूत्र ने कहा कि इस बजट में 19.5 प्रतिशत की मौजूदा कर वृद्धि को बनाए रख पाना मुश्किल होगा। सूत्र ने कहा, “वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर में 19.5 प्रतिशत की वृद्धि दर को कायम रख पाना मुश्किल होगा।”

उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के खतरों को देखते हुए आयकर संग्रह में गिरावट आ सकती है। पहले अग्रिम अनुमानों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रह सकती है।

हालांकि मौजूदा कीमतों पर यह वृद्धि 15.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की वास्तविक वृद्धि दर 6-6.5 प्रतिशत रह सकती है।

First Published : January 20, 2023 | 1:36 PM IST