बजट

दिल्ली में 1 लाख करोड़ रुपये का बजट

भाजपा सरकार का पहला बजट पेश, यमुना सफाई, महिला सशक्तीकरण और बुनियादी ढांचे पर जोर

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अर्चिस मोहन   
रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- March 25, 2025 | 10:45 PM IST

दिल्ली की नई सरकार गरीबों के कल्याण के साथ-साथ शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर देगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश में वित्त वर्ष 2026 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2025 में पेश 76,000 करोड़ रुपये के बजट से 31.57 प्रतिशत अधिक है। नवनिर्वाचित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का पहला बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि उन्होंने पूंजीगत व्यय बढ़ाकर दोगुना करते हुए 28,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। वित्त मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहीं गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार शहर की सीवर व्यवस्था में सुधार करेगी और यमुना की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण, सार्वजनिक परिवहन सुदृढ़ करने, प्रदूषण से राहत देने के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं।

बजट में दिल्ली को व्यापार का बड़ा केंद्र बनाने के लिए के लिए नई औद्योगिक नीति, नई वेयरहाउसिंग नीति, सिंगल विंडो सिस्टम, कारोबारी कल्याण बोर्ड और दिल्ली में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का ऐलान किया गया है। महिला समृद्धि योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये देने के लिए 5,100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। आयुष्मान योजना के लिए 2,144 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये मुफ्त इलाज किया जाएगा, जबकि केंद्र सरकार इसके तहत 5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज पात्र लोगों को देती है। भाजपा नीत दिल्ली सरकार ने अपने पहले बजट में चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने पर जोर दिया है।

बजट में 30 फीसदी से ज्यादा इजाफा

मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि बजट में 68,700 करोड़ रुपये कर राजस्व से प्राप्त होने का अनुमान लगाया है। इसमें सबसे अधिक 49,000 करोड़ रुपये जीएसटी और वैट से मिलने का अनुमान है। बजट में सरकार ने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 28,115.48 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का आवंटन किया है। बजट में स्कीम/ कार्यक्रम /परियोजनाओं पर 59,300 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान है। बजट में सबसे अधिक 19,291 करोड़ रुपये शिक्षा क्षेत्र को दिए गए हैं। इसके बाद 12,952 करोड़ रुपये परिवहन, सड़क व ब्रिज के लिए 9,000 करोड़ रुपये जल आपूर्ति व सफाई के लिए, 10,694 करोड़ रुपये आवास व शहरी विकास के लिए, 10,597 करोड़ रुपये सामाजिक कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए आवंटित किए हैं। बजट में दिल्ली नगर निगम के लिए 6,897 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

प्रदूषण और जलभराव

बजट में प्रदूषण नियंत्रण और आपात उपायों के लिए 300 करोड़ रुपये के साथ ही पर्यावरण व वन विभाग को 506 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए बजट में सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग को 603 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सार्वजनिक व स्वच्छ परिवहन को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार ने 2025-26 में ई-बसों की संख्या बढ़ाकर 5,000 करने का लक्ष्य रखा है। अभी यह संख्या 2,152 है। यमुना की सफाई के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से 40 विकेन्द्रीकृत सीवेज उपचार संयंत्र बनाए जाएंगे। जिससे सीवेज का पानी उसी स्रोत पर ट्रीट हो जाए। बजट में सब्सिडी वाली योजना सहित बिजली विभाग को विभिन्न योजनाओं के लिए 3,847 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बजट में 100 करोड़ रुपये के बजट से 100 झुग्गी झोपड़ी कॉलोनियों में अटल कैंटीन की स्थापना कर जरूरतमंदों को सस्ता और पौष्टिक भोजन प्रदान करने की घोषणा की गई।

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री आतिशी ने बजट को हवा हवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये के बजट का कोई आधार नहीं है, वरना आर्थिक समीक्षा छुपाने की जरूरत क्यों पड़ती? ऐसा पहली बार हुआ है, जब बजट से पहले आर्थिक समीक्षा पेश नहीं की गई।

आतिशी ने कहा 10 साल में पहली बार शिक्षा का बजट 20 फीसदी से भी कम कर दिया और स्वास्थ्य का बजट घटकर 13 फीसदी कर दिया गया है। एमसीडी का बजट 1,526 करोड़ रुपये घटाकर 6,897 करोड़ रुपये किया गया है।

First Published : March 25, 2025 | 10:19 PM IST