ऑटोमोबाइल

वाहनों की खुदरा बिक्री बढ़ी

पिछले साल मार्च के मुकाबले इसमें 6 फीसदी की वृद्धि हुई जिसकी मुख्य वजह प्रोत्साहन, त्योहारी लाभ और नई पेशकश थीं।

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शाइन जेकब   
Last Updated- April 07, 2025 | 10:51 PM IST

वित्त वर्ष 2025 में वाहनों की खुदरा बिक्री में 6.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसका प्रमुख कारण यात्री वाहनों की बिक्री में 5 फीसदी, दोपहिया की बिक्री में 8 फीसदी और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 5 फीसदी का इजाफा होना है। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में दो अंकों में यानी 10 फीसदी की वृद्धि हुई थी।

मगर वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च में चिंता देखने को मिली क्योंकि इस दौरान खुदरा बिक्री में लगातार दूसरे महीने गिरावट आई। पिछले साल मार्च के मुकाबले बीते मार्च में बिक्री में 0.7 फीसदी की गिरावट रही। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान दोपहिया की बिक्री में 2 फीसदी, तिपहिया की बिक्री में 6 फीसदी, ट्रैक्ट्रर की बिक्री में 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। मार्च के दौरान बस एक बात ही अच्छी रही कि पिछले साल मार्च के मुकाबले इसमें 6 फीसदी की वृद्धि हुई जिसकी मुख्य वजह प्रोत्साहन, त्योहारी लाभ और नई पेशकश थीं।

उससे एक महीने पहले यानी फरवरी में उद्योग की बिक्री में 7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और बिक्री सभी श्रेणियों में कम रही। कुल आंकड़ों के लिहाज से देश में वित्त वर्ष 2025 में 2.6 करोड़ वाहनों की बिक्री हुई जबकि वित्त वर्ष 2024 में 2.45 करोड़ गाड़ियां बिकी थीं।
फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘खरमास अवधि के कारण मार्च के पहले तीन हफ्ते काफी कमजोर रहे। लेकिन आखिरी हफ्ते में नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, ईद और साल के आखिर में खरीद के फायदों जैसे सकारात्मक कारणों से बिक्री अच्छी-खासी बढ़ी। हालांकि, मार्च में यात्री वाहनों ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन डीलरों की संस्था ने मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के पास 50 से 55 दिनों का वाहनों का ज्यादा स्टॉक होने को लेकर आगाह किया है।’

विघ्नेश्वर ने कहा, ‘अवास्तविक लक्ष्य, नकदी की चुनौतियां और कम मांग वाले क्षेत्रीय इलाकों में यात्री वाहनों की इन्वेंट्री बढ़कर करीब 50 से 55 दिन पहुंच गई है। प्रोत्साहन और त्योहारों से मिलने वाले फायदों ने कुल मिलाकर बिक्री बढ़ाई है। लेकिन डीलर नए वित्त वर्ष की शुरुआत में ज्यादा स्टॉक और लक्ष्य के दबाव को लेकर सतर्क हैं।’

देश भर के डीलर वित्त वर्ष 2026 को लेकर आशावादी हैं। फाडा ने भी दोपहिया वाहनों में मध्य से उच्च एक अंक की वृद्धि और यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की कम एक अंक में वृद्धि की संभावना जताई है। सरकार के लिए चिंता की एक और बात इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बढ़ोतरी का स्थिर होना भी है। वित्त वर्ष 2024 में ईवी की पहुंच 7.1 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 7.8 फीसदी हो गई मगर मार्च में यह एक साल पहले के 10.3 फीसदी से कम होकर 9.9 फीसदी रह गई।

यात्री वाहनों में बाजार की दिग्गज मारुति सुजूकी की बिक्री मार्च में 3 फीसदी बढ़ गई और उसने 1,32,423 गाड़ियों की बिक्री की। मगर दूसरे स्थान के लिए टाटा मोटर्स, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) और ह्युंडै मोटर जैसी तीन प्रमुख कंपनियों में बढ़िया प्रतिस्पर्धा चल रही है। फरवरी में एमऐंडएम ने ह्युंडै मोटर को पीछे छोड़ दिया और दूसरे स्थान पर पहुंच गई थी लेकिन मार्च में टाटा मोटर्स पिछले साल के मुकाबले 4 फीसदी अधिक यानी 48,462 गाड़ियां बेचकर दूसरे नंबर की कंपनी बन गई। महिंद्रा की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 17 फीसदी बढ़कर 46,297 गाड़ियों की हो गई जबकि ह्युंडै एक साल पहले के मुकाबले 5 फीसदी कम यानी सिर्फ 42,511 गाड़ियां ही बेच सकी।

First Published : April 7, 2025 | 10:35 PM IST