वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) की नजर अपने शहरी समृद्धि प्लेटफॉर्म (यूपीपी) पर तैयार की गई वीरो की पेशकश के साथ 3.5 टन से छोटे वाणिज्यिक वाहन (एससीवी) बाजार पर दबदबा हासिल करने पर है। कंपनी इसे डीजल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक जैसी बहु ईंधन विकल्पों में पेश करेगी।
कंपनी ने पहले ही संकेत दिया था कि वह अपने हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) पोर्टफोलियो को महत्त्वपूर्ण तरीके से बढ़ाने पर विचार कर रही है। कंपनी का लक्ष्य साल 2030 तक सात नए मॉडल बाजार में उतारने का है। आने वाली एससीवी से इंट्रासिटी लॉजिस्टिक्स जरूरतों जैसी समस्याओं का समाधान होगा और इसमें इलेक्ट्रिक वाहन समेत विभिन्न ईंधन विकल्प भी शामिल होंगे और इन सभी वाहनों की वजन सीमा 3.5 टन रहेगी।
एमऐंडएम ने शुरुआती स्तर पर 7.99 लाख रुपये की वीरो पेश की है, जो फिलहाल डीजल और सीएनजी वेरियंट में मिल रही है और आने वाले समय में इसका इलेक्ट्रिक मॉडल भी पेश किया जाएगा। एमऐंडएम वाहन खंड के मुख्य कार्य अधिकारी नलिनीकांत गोलागुंटा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि यूपीपी एक बहु ईंधन प्लेटफॉर्म है, जिसे मॉड्यूलर वाणिज्यिक वाहन प्लेटफॉर्म के तौर पर बनाया गया है।
इसे कई डेक के साथ एक से दो टन तक भार उठाने और कई पावरट्रेन विकल्पों को समायोजित करने के लिहाज से तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने प्लेटफॉर्म और वीरो को विकसित करने के लिए 900 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अधिक उत्पाद जोड़ने पर और अधिक निवेश की जरूरत होगी ताकि जरूरत पड़ने पर उत्पादन बढ़ाया जा सके। मगर उन्होंने यह भी कहा कि निवेश का एक बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है।
गोलागुंटा ने कहा, ‘हमने वाहन की कुल लागत, आराम और वाहन के पूरे प्रदर्शन पर ध्यान दिया है। हम शहर के अंदर के बाजारों में अवसर देख रहे हैं। हम शुरू से इंट्रा सिटी बाजारों में मजबूत रहे हैं।’3.5 टन से कम श्रेणी में एमऐंडएम की बाजार हिस्सेदारी 50 फीसदी से अधिक है और 2 से 3.5 टन श्रेणी में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 63 फीसदी है। गोलागुंटा ने कहा, ‘हमें बाजार हिस्सेदारी में 50 फीसदी से अधिक की वृद्धि देखने की उम्मीद है क्योंकि हम 2 से 3.5 टन सेगमेंट में इंट्रा-सिटी बाजार को भुनाने में सक्षम हैं।’
एमऐंडएम ने पिछले एक महीने से बाजार में उत्पाद का परीक्षण किया है और दावा किया है कि इसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कंपनी ने अगस्त में 2 टन से कम की 2,957 गाड़ियां (24 फीसदी से कम) बेची हैं और वित्त वर्ष 2025 में अब तक 15,748 गाड़ियां (6 प्रतिशत से कम) बेची हैं। 2 से 3.5 टन श्रेणी में कंपनी ने अगस्त में 14,661 गाड़ियों(18 फीसदी की गिरावट) और वित्त वर्ष 2025 में अब तक 11 फीसदी की गिरावट के साथ 71,772 गाड़ियों की बिक्री की है।