लेखक : तमाल बंद्योपाध्याय

आज का अखबार, लेख

बैंकिंग साख: जोखिम से बचने के लिए RBI का अग्रिम सतर्कता अभियान

हाल में मैं दोपहर के भोजन के लिए एक बैंकर मित्र के पास गया। वह मुंबई में एक आधुनिक हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं। इसमें रहने वाले अधिकांश निवासी वित्तीय क्षेत्र से जुड़े पेशेवर हैं, जिनमें से कई वाणिज्यिक और निवेश बैंकर, बीमा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी और म्युचुअल फंडों के वरिष्ठ अधिकारी हैं। अभी […]

आज का अखबार, लेख

बैंकिंग साख: RBI के लिए गोल्ड लोन कितना अहम

इस महीने की शुरुआत में, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आईआईएफएल फाइनैंस लिमिटेड को गोल्ड लोन मंजूर करने और इसका वितरण तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया था। हालांकि, आईआईएफएल फाइनैंस अपने मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो को बनाए रख सकती है और सामान्य संग्रह और वसूली प्रक्रिया पर काम कर सकती है। आखिर बैंकिंग […]

आज का अखबार, लेख

सरकारी महिला बैंककर्मी की डायरी के पन्ने

मुंबई के एक बड़े सरकारी बैंक की शाखा प्रबंधक 34 वर्षीय मीनू (बदला हुआ नाम) ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था। जिस दिन वह कार्यमुक्त हुईं, उस दिन वह जल्दी घर जा सकती थी। लेकिन उस दिन भी वह रात का खाना जल्दी नहीं खा सकीं क्योंकि उनके बैंकर पति भी रात 10 बजे […]

आज का अखबार, फिनटेक, बैंक, लेख

तकनीक, उम्र से जुड़े सवाल और केंद्रीय बैंकिंग

इन दिनों वित्त-तकनीक (फिनटेक) क्षेत्र तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में एक से एक नवाचार हो रहे हैं और वित्तीय सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने में यह अहम भूमिका निभा रहा है। मगर हाल में पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की सख्ती से इस क्षेत्र में हलचल मच गई है। मगर […]

आज का अखबार, लेख

बैंकिंग साख: PSU बैंकों का प्रदर्शन क्या रह पाएगा जारी?

इन दिनों लगभग सभी निवेशक शेयर बाजार में डुबकी लगाने से पहले सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) के बैंकों पर जरूर निगाहें दौड़ाते हैं। बैंकिंग क्षेत्र पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ भी सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों पर नजर गड़ाए हुए हैं। इसका कारण समझना बहुत मुश्किल नहीं है। दिसंबर तिमाही में 12 पीएसयू बैंकों में से […]

आज का अखबार, लेख

बैंकों की सेहत: NIM, कासा, जमा और ऋण में वृद्धि का विश्लेषण

जब किसी मरीज की हालत गंभीर होने लगती है तब डॉक्टर उसके खून में ऑक्सीजन के स्तर की लगातार जांच करते रहते हैं। पल्स ऑक्सीमीटर पर व्यक्ति के खून में ऑक्सीजन का प्रतिशत दिखने लगता है। डॉक्टर, आमतौर पर किसी स्वस्थ व्यक्ति का रक्तचाप और ब्लड शुगर की जांच कर यह तय करता है कि […]

आज का अखबार, लेख

बैंकिंग साख: मुद्रास्फीति नियंत्रण का वादा पूरा करेंगे दास!

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिन की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के आखिर में एक बार फिर महंगाई को नियंत्रित करने की अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की। अपने बयान में उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को टिकाऊ आधार पर 4 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप लाने के लिए मौद्रिक […]

आज का अखबार, लेख

बैंकिंग साख: दरों पर क्या RBI का रुख बदलेगा?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की दरें-निर्धारित करने वाली संस्था, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दिसंबर की बैठक में ब्याज दर या नीतिगत रुख में कोई बदलाव नहीं किया गया था। लगातार पांचवीं बैठक में भी रीपो दर में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 6.5 प्रतिशत पर बनी रही और इसका रुख व्यवस्था में नकदी […]

आज का अखबार, लेख

बैंकिंग साख: राजकोषीय मजबूती की दिशा में बढ़ रहे कदम

वित्त वर्ष 2025 के लिए बीते गुरुवार को पेश किए गए अंतरिम बजट में भारत के ‘चार प्रमुख वर्गो ‘गरीब, महिलाएं, युवा और किसानों’ पर ध्यान देना जारी रहा और सरकार की तरफ से ऐसे संकेत मिले कि उनकी जरूरतों, आकांक्षाओं को पूरा करना और कल्याण करना ही सरकार की प्रमुख प्राथमिकता बनी रहेगी। लेकिन […]

आज का अखबार, लेख

Budget 2024: बजट में बैंकिंग क्षेत्र की कैसी होगी दिशा

केंद्रीय बजट के लिहाज से बैंकिंग की बात करें तब चीजें काफी मुश्किल दिखती हैं। उदाहरण के तौर पर, मैं 29 फरवरी 2000 के बजट का जिक्र कर रहा हूं जब तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सबको हैरान करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी घटाकर 33 प्रतिशत करने की घोषणा […]