एक वरिष्ठ बैंकर की जिंदगी का एक हफ्ता
अपने पिछले स्तंभ में मैंने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में कार्य संस्कृति के बारे लिखा था। उसे पढ़ने के बाद कई बैंकर उत्साहित हो गए और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अनुभवों के साथ मुझसे संपर्क भी साधा। जो लोग निजी क्षेत्र के बैंकों में काम करने करते हैं उनमें भी सभी अपने काम से […]
सरकारी बैंकों में मानव संसाधन को लेकर बढ़ता संकट
मार्च की शुरुआत में जब भारत में होली मनाई जा रही थी तब एक वरिष्ठ बैंकर मुंबई में अपने एक करीबी दोस्त की बेटी की शादी में शामिल हुए। वह सज्जन एक पांच सितारा होटल में दो दिनों तक शादी की सभी रस्मों के दौरान मौजूद रहे, लेकिन जब भी फोटो शूट कराने के लिए […]
बैंकिंग उद्योग में बढ़ती धोखाधड़ी
जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड, दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड और श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस लिमिटेड इन सभी में क्या समानता है? इन कंपनियों के खाते भारतीय बैंकों के उन हजारों खातों में शामिल हैं जिन पर ऋण नहीं लौटाने और धोखाधड़ी करने का ठप्पा लग चुका है। […]
धन सृजन को नियंत्रित करते वाणिज्यिक बैंक
अमेरिका में संगीत नाट्य के एक कलाकार विल रोजर्स ने कहा था, ‘समय की शुरुआत के साथ तीन महान आविष्कार हुए और वे हैं आग, पहिया और केंद्रीय बैंकिंग।’ इंजीनियर से अर्थशास्त्री बने कृष्णमूर्ति वैद्यनाथन और कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने अपनी किताब, ‘मनीः ए जीरो सम गेम’ में केंद्रीय बैंकिंग की जगह बैंकिंग को रखने की […]
एसवीबी के पतन में भारत के लिए सबक
‘हमने सप्ताहांत पर आपात ढंग से काम किया, अंशधारकों को सुना और सिलिकन वैली बैंक यूके के ग्राहकों को भरोसा और सुरक्षा मुहैया कराने के लिए एक समुचित उपाय पर काम किया।’ ‘मुझे यह कहने में खुशी हो रही है कि हम एक हल पर पहुंच गए हैं।’ ‘अच्छी खबर यह है कि एसवीबी यूके […]
आरबीआई की सक्रियता उसके और बैंकों के लिए अच्छी
बैंक गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) छुपाने में माहिर रहे हैं। 2011 तक कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) आने के बाद भी एनपीए की पहचान के लिए बैंक तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। शाखा से लेकर मुख्यालयों तक बैंकों ने तकनीक के बजाय मानव संपर्क का सहारा लिया। काफी कुछ ‘व्याख्या’ पर भी निर्भर था। भारतीय […]
आरबीआई ने बदले निगरानी के तौर-तरीके
क्या भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों का सूक्ष्म प्रबंधन करना शुरू कर दिया है? मैंने पिछले वर्ष दिसंबर में ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड बैंकिंग सम्मेलन’ में अनौपचारिक चर्चा के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास से यह प्रश्न पूछ दिया था। मेरा प्रश्न सुनकर वह अचरज में दिखे। उन्होंने कहा, ‘मैं पहली बार ऐसा सुन रहा हूं।’ दास […]
वास्तविक ब्याज दर की असल कहानी
इन दिनों सावधि जमा पर बैंक ऊंची ब्याज दरों की पेशकश कर रहे हैं। एक से दो वर्ष की अवधि की सावधि जमा पर ब्याज दर 8 प्रतिशत या इससे ऊपर तक पहुंच गई है। बैंकों के बीच जमा रकम के लिए आपाधापी चल रही है और लगभग सभी बैंक बचतकर्ताओं को आकर्षित करने में […]
मार्च के बाद थम सकता है शानदार मुनाफे का दौर
भारतीय बैंकों के लिए दमदार मुनाफा कमाना कोई नई बात नहीं रह गई हैं। हरेक तिमाही में उनका प्रदर्शन निखरता ही जा रहा है। निजी क्षेत्र के दो बैंकों- येस बैंक और बंधन बैंक लिमिटेड- और सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को छोड़कर सभी सूचीबद्ध बैंकों ने दिसंबर तिमाही में शानदार मुनाफा अर्जित […]
बैंकिंग साख : अदाणी मामले का भारतीय बैंकों के लिए निहितार्थ
अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद बैंकिंग क्षेत्र को लेकर भी तरह-तरह की बातें होने लगी हैं। इस रिपोर्ट में अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। चूंकि, भारतीय बैंकों ने अदाणी समूह को कर्ज दे रखे हैं, इसलिए बैंकिंग तंत्र पर संभावित असर से जुड़ी अटकलों का बाजार […]