लेखक : शिवा राजौरा

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, विशेष

Trump Tariffs से लुधियाना उद्योग पर संकट, निर्यातकों को ₹10,000 करोड़ का नुकसान और 2 लाख नौकरियों पर खतरा

लुधियाना के प्रमुख औद्योगिक क्लस्टर की चौड़ी और धूल भरी सड़कें सुबह की पहली किरण के साथ ही जीवंत हो उठती हैं। इस क्लस्टर की स्थापना 1980 के दशक में हुई थी। यह ग्रांड ट्रंक रोड से थोड़ा हटकर है, जहां सैकड़ों निर्यात इकाइयां मौजूद हैं। लुधियाना में ही वाहन कलपुर्जे बनाने वाली एक फोर्जिंग […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

भारत की बेरोजगारी दर Q1 में घटकर 5.4% पर आई, ग्रामीण क्षेत्रों में 4.8% और शहरी क्षेत्रों में 6.8% दर्ज

देश में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में बेरोजगारी दर 5.4 प्रतिशत रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए जारी किए गए पहले तिमाही आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आंकड़ों से यह पता चलता है। आंकड़ों से पता चलता है कि मौजूदा साप्ताहिक […]

आपका पैसा, ताजा खबरें, वित्त-बीमा

सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा एकमुश्त एरियर, 8वें वेतन आयोग की देरी से अर्थव्यवस्था और महंगाई पर बड़ा असर

8th Central Pay Commission: 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के भुगतान में देरी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। प्राइवेट थिंक टैंक QuantEco Research की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इस देरी से न केवल आर्थिक विकास और महंगाई का संतुलन बिगड़ेगा, बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, कमोडिटी

खाद्य वस्तुओं एवं ईंधन की कीमतों में गिरावट के बीच शून्य से नीचे बनी हुई है थोक महंगाई

खाद्य वस्तुओं एवं ईंधन की कीमतों में गिरावट के बीच थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर जुलाई में 0.58 प्रतिशत रह गई, जो दो साल में इसका सबसे कम आंकड़ा है। मगर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में विनिर्मित उत्पादों की कीमतें चढ़ी हैं। आंकड़ों से पता चलता […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

Retail Inflation: जुलाई में खुदरा महंगाई घटकर 1.55% पर आई, 8 साल में सबसे कम

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दर जुलाई में घटकर 1.55 फीसदी रह गई , जो करीब आठ साल में इसका सबसे कम आंकड़ा है। जून में इसका आंकड़ा 2.1 फीसदी था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी आंकड़ों के अनुसार आखिरी बार इससे कम खुदरा मुद्रास्फीति जून 2017 में दर्ज की गई थी। उस […]

आज का अखबार, भारत

स्थानीय जरूरतों के अनुरूप हों कौशल विकास कार्यक्रम: संसदीय समिति

कौशल विकास की संसदीय समिति ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कौशल विकास कार्यक्रमों को ‘कौशल की स्थानीय जरूरतों की मांग’ के अनुरूप ढालने पर विशेष तौर पर जोर दिया है। संसदीय समिति ने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) को कौशल की मांग व आपूर्ति की अंतर रिपोर्ट ‘शीघ्र पूरा करने व प्रकाशित’ करने का […]

अर्थव्यवस्था, ताजा खबरें

महंगाई का आधार वर्ष बदला, ग्रामीण क्षेत्रों में हो सकेगा और सटीक आकलन

ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की महंगाई को सही तरीके से मापने के लिए, श्रम ब्यूरो ने कृषि और ग्रामीण मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल/आरएल) का आधार वर्ष 1986-87 से बदलकर 2019 कर दिया है। दोनों सूचकांकों का उपयोग केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कृषि और ग्रामीण मजदूरों (जो कृषि या गैर-कृषि […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

जुलाई में भारत का सेवा क्षेत्र पहुंचा 11 महीने के उच्च स्तर पर, PMI रिपोर्ट में दिखा मजबूत सुधार

भारत के सेवा निर्यातकों ने दूसरी तिमाही में मजबूती से कदम रखा है।  जुलाई महीने में उत्पादन और नए ऑर्डर में अगस्त 2024 के बाद सबसे तेज वृद्धि हुई है। एक निजी सर्वे में मंगलवार को कहा गया कि सेवा क्षेत्र को मांग, अंतरराष्ट्रीय बिक्री और उत्पादन से बल मिला है।  एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा तैयार […]

आज का अखबार, भारत

सांसद निधि से होने वाले कार्यों पर नहीं मिलेगी GST छूट, सरकार ने संसद समिति को दी जानकारी

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने संसद की वित्त समिति को बताया है कि वर्तमान में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीएलएडी) योजना  के धन के उपयोग पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट देने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया, ‘वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति में एमपीएलएडी […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

NCAER ने कहा: 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए राज्यों को हर साल मिलें 14,000 करोड़ रुपये

वर्ष 2030 तक देश में 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता तैयार करने के लिए 16वें वित्त आयोग को अगले पांच वर्षों तक सभी राज्यों को सालाना हरित अनुदान (ग्रीन ग्रांट) के रूप में 14,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करना होगा। राष्ट्रीय अनुप्रयुक्त आर्थिक अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) के नवीनतम कार्य पत्र में यह कहा गया […]