लेखक : रुचिका चित्रवंशी

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

शुल्क का होगा नाममात्र असर, फिच ने बरकरार रखी स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी माइनस रेटिंग

फिच रेटिंग्स ने वृद्धि दर एवं बाह्य मोर्चे पर मजबूत वित्तीय स्थिति के साथ भारत की साख को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-’ पर बरकरार रखा है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार स्वीकार किए जाने की स्थिति में खपत को मदद मिलेगी और शुल्क की अनिश्चितता से बढ़ने […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

GST 2.0 से और आसान होगा टैक्स सिस्टम, सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी की बढ़ी उम्मीदें

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधारों के तहत प्रस्तावित दो दर प्रणाली के माध्यम से कार्यान्वयन आसान और लेखांकन प्रक्रिया स्पष्ट हो जाएगी। इससे आगे चलकर वित्तीय राजस्व बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह आकलन साख निर्धारित करने वाली एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के विश्लेषकों ने पेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

निर्यात नीति को धार और विनिर्माण मजबूत करने पर संसदीय समिति ने दिया जोर, 8% विकास दर का लक्ष्य

वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने बदलते भू-राजनीतिक हालात और मौजूदा आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत की निर्यात नीति को अधिक धार देने का का सुझाव दिया है। मंगलवार को पेश समिति की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने और निर्यात के दूसरे बाजार तलाशने […]

आज का अखबार, भारत

PM Internship Scheme में कंपनियों की 82,110 पेशकशों में से केवल 30% अभ्यर्थियों ने एक्सेप्ट किया ऑफर

वित्त एवं कंपनी मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद को बताया कि प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) के पायलट कार्यक्रम के दौरान अभ्यर्थियों ने कंपनियों के कुल ऑफर में से 30 प्रतिशत ही स्वीकार किया है। पहली पायलट योजना में कुल 34 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने कंपनियों के प्रस्ताव स्वीकार किए थे। लोक सभा […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, भारत

S&P ने बढ़ाई भारत की सॉवरिन क्रेडिट रेटिंग, 18 साल बाद अपग्रेड कर ‘BBB’ किया, अर्थव्यवस्था को माना मजबूत

साख निर्धारित करने वाली वै​श्विक एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने आज भारत की दीर्घकालिक सॉवरिन क्रेडिट रेटिंग निम्नतम निवेश ग्रेड ‘बीबीबी-’ से एक पायदान ऊपर बढ़ाकर ​स्थिर नजरिये के साथ ‘बीबीबी’ कर दी। रेटिंग एजेंसी ने मजबूत आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय मजबूती और महंगाई को काबू में लाने के लिए बेहतर मौद्रिक नीति उपायों का हवाला […]

आज का अखबार, कंपनियां, वित्त-बीमा

IBC ने लेनदारों की समिति (CoC) से सूचना ज्ञापन (IM) पर चर्चा करने का आग्रह किया

भारतीय दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबी) ने अपने नवीनतम न्यूजलेटर में लेनदारों की समिति (सीओसी) से सूचना ज्ञापन (आईएम) पर चर्चा करने का आग्रह किया है। यह महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है जिसमें दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी के बारे में पूरी और विस्तृत जानकारी होती है। दिवाला नियामक ने लेनदारों से यह भी कहा […]

आज का अखबार, कंपनियां, कानून

लोकसभा में आईबीसी विधेयक में व्यापक सुधारों का प्रस्ताव किया गया

दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) संशोधन विधेयक में लुक-बैक अवधि की गणना दिवाला प्रक्रिया की शुरुआत के बजाय दिवाला की पहल की तिथि से करने का प्रावधान किया गया है।  इसका मकसद लेन-देन की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करना है। खासकर इसमें ऐसे लेन-देन को शामिल करने का मकसद है, जो परिसंपत्ति को […]

आज का अखबार, कंपनियां, भारत, समाचार

IBC में व्यापक सुधार से जुड़ा विधेयक लोक सभा में पेश, दिवालिया कानून में होगा बड़ा बदलाव

सरकार ने ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) में सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए लोक सभा में मंगलवार को एक विधेयक पेश किया जिसमें बड़े सुधारों के प्रस्ताव दिए गए हैं। दिवालिया प्रक्रिया में कंपनियों को तेजी से शामिल करने, मामलों के त्वरित समाधान […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के 4.4% राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूक सकती है: Fitch

सरकार चालू वित्त वर्ष में संभवतः राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगी। फिच सॉल्यूशंस की इकाई बीएमआई द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने 4.4 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से मामूली रूप से चूक सकती है। रिपोर्ट में कहा गया […]

आज का अखबार, उद्योग

संसदीय समिति ने कहा: डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक में संतुलित नियमन से घरेलू उद्योग को मिलेगा सुरक्षा कवच

संसद की वित्त संबंधी समिति ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की उभरती भूमिका पर सोमवार को लोकसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक (डीसीबी) को अपनाने में सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाते हुए, सेल्फ-प्रेफरेंसिंग,  प्रिडेटरी प्राइसिंग जैसी जटिलताओं को दूर करने के लिए एक पूर्व-निर्धारित नियामक ढांचे की जरूरत पर जोर दिया है। समिति ने वर्तमान […]