आज का अखबार, लेख

श्रम सुधार कानून की दिशा सही लेकिन राह अब भी लंबी

बात 1970 और 80 के दशक की है जब मुंबई में चेतावनी की इबारत कालिख से लिखी गई थी। जिन मिलों और कारखानों ने कभी शहर को ताकत दी थी, वे या तो बंद थे या उन्हें बीमार घोषित कर दिया गया था। भारत की औद्योगिक लाइसेंसिंग व्यवस्था ने ऐसे हालात पैदा कर दिए कि […]