लेखक : अनुप्रेक्षा जैन

आज का अखबार, बैंक

सितंबर तिमाही में निजी बैंकों का बाजार पूंजीकरण घटा, सरकारी बैंकों ने दिखाया बेहतर प्रदर्शन

एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने कहा है कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान निजी क्षेत्र के बैंकों के बाजार पूंजीकरण में गिरावट आई है, जो सरकारी स्वामित्व वाले उनके समकक्षों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन है क्योंकि कारोबारी अनिश्चितताओं ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है। विश्लेषण के अनुसार, तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक के […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

कॉरपोरेट बैंकिंग में राहत: RBI ने लोन की रकम सीमित करने वाला 2016 का सर्कुलर वापस लिया

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2016 का वह सर्कुलर वापस ले लिया है, जो बैंकिंग तंत्र को किसी उधार लेने वाले को एक निश्चित सीमा से अधिक ऋण देने से रोकता था। इस सर्कुलर का उद्देश्य बैंकिंग तंत्र के किसी एक बड़ी कंपनी को दिए गए कुल ऋण से पैदा होने वाले जोखिम को कम […]

बैंक, वित्त-बीमा

दीपावली और नवरात्र के मौके पर ICICI, HDFC, SBI और Axis Bank ने लॉन्च किए फेस्टिव लोन ऑफर

त्योहारों का मौसम शुरू होने पर गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और बैंकों ने कर्ज की मांग बढ़ाने के लिए कई तरह की पेशकश शुरू की है, जो इस वित्त वर्ष 2026 में अब तक सुस्त रही है। ऋणदाता कई तरह के लाभ मुहैया करा रहे हैं। इसमें व्यक्तिगत ऋण, आवास ऋण और वाहन ऋण […]

आज का अखबार, बैंक

भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश का नया दौर, बैंकिंग सिस्टम से बाहर से जुट रहा है धन: केवी कामत

नैशनल बैंक फॉर फाइनैंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड डेवलपमेंट (नैबफिड) के चेयरमैन केवी कामत ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग के प्राथमिक स्रोत के रूप में बैंकों का युग समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि लंबी अवधि की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए बैंकों से ऋण मिलना अब संभव नहीं है, क्योंकि बैंकों की देनदारियां कम समय […]

आज का अखबार, बैंक, भारत, वित्त-बीमा

RBI हर 5 से 7 साल में करेगा नियमों की समीक्षा, रेगुलेटरी रिव्यू सेल का हुआ गठन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों और अन्य विनियमित संस्थाओं से संबं​धित सभी नियम-कायदों की हर 5 से 7 साल में समीक्षा करने के लिए नियामकीय समीक्षा प्रकोष्ठ गठित किया है। केंद्रीय बैंक के इस कदम का उद्देश्य बैंकों और उसके नियमन के दायरे में आने वाली अन्य संस्थाओं के मानदंडों की समीक्षा के लिए […]

आज का अखबार, बैंक

शुल्क आधारित आय से मुनाफा बढ़ाने पर बैंकों का फोकस, कोषागार आय में कमी से नई रणनीति पर काम

बैंक अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए शुल्क पर आधारित सेवाओं, उत्पादों की पेशकश और वसूली पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही (दूसरी तिमाही) में कोषागार से आय कम रहने की उम्मीद है, जिसके कारण अन्य तरीके अपनाए जा रहे हैं। हाल में की गई नीतिगत दर में कटौती के […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, वित्त-बीमा

ब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

भारतीय बैंकों का वित्त वर्ष 26 में लाभांश भुगतान गिरने की आशंका है। इसका कारण बैंकों के ऋण में सुस्ती आने से शुद्ध ब्याज मार्जिन और शुद्ध लाभ में मामूली वृद्धि हो सकती है। एसऐंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 26 में बड़े 12 बैंकों का सकल लाभांश 4.2 प्रतिशत गिरकर […]

आज का अखबार, कमोडिटी, बाजार

टैरिफ की चिंता के बीच रिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया, कारोबारी सत्र के दौरान डॉलर के मुकाबले 88.33 पर पहुंचा

शुक्रवार को पिछले कारोबारी सत्र में अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बार सोमवार को कारोबारी सत्र के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 88.33 के नए निचले स्तर पर पहुंच गया। डीलरों का कहना है कि भारतीय वस्तु निर्यात पर अमेरिका द्वारा उच्च शुल्क लगाने को लेकर चिंता बढ़ने से ऐसा हुआ […]

आज का अखबार, कमोडिटी, बाजार

टैरिफ टेंशन से ऑल टाइम लो पर रुपया, डॉलर के मुकाबले 88.21 पर बंद; एशियाई मुद्राओं में सबसे कमजोर प्रदर्शन

डॉलर के मुकाबले रुपया 0.65 फीसदी गिरकर आज 88.21 पर बंद हुआ, जो इसका अभी तक का सबसे निचला स्तर है। गुरुवार को रुपया 87.63 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 फीसदी शुल्क लगाए जाने की चिंता से विदेशी पूंजी निकासी बढ़ी है जिसका असर रुपये पर भी पड़ा। […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

‘समग्र खुदरा महंगाई दर को मौद्रिक नीति का लक्ष्य और बेंचमार्क बने रहना चाहिए’

बिज़नेस स्टैंडर्ड की रायशुमारी में शामिल सभी 10 अर्थशास्त्रियों ने कहा कि समग्र खुदरा महंगाई दर को मौद्रिक नीति का लक्ष्य और बेंचमार्क बने रहना चाहिए। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत अभी भी मध्य आय वाला देश है और नए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बास्केट में भी खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी पर्याप्त होगी। पिछले सप्ताह […]