राजनीतिक और आर्थिक अलगाव सही नहीं, सार्वजनिक क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए विश्वसनीय नीति की जरूरत
अगर आपको इस बात का सबूत चाहिए कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र से संबंधित नीतियों में सूक्ष्म किंतु महत्त्वपूर्ण बदलाव आया है तो पिछले सप्ताह लोक सभा में पेश किया गया नया संशोधन विधेयक काफी होगा। यह सही है कि सैद्धांतिक तौर पर सरकार अपने उस पुराने निर्णय पर अटल […]
नए कैबिनेट सचिव बनने जा रहे टी वी सोमनाथन ने काबिलियत के दम पर हासिल किया शिखर, कुछ ऐसा रहा सफर
आजाद भारत के अब तक के इतिहास में टी वी सोमनाथन मात्र दूसरे ऐसे वित्त सचिव हैं जो कैबिनेट सचिव बनेंगे। कैबिनेट सचिव यानी अफसरशाही का सबसे वरिष्ठ और सबसे ताकतवर पद। इससे पहले फरवरी 1985 में पी के कौल वित्त सचिव से कैबिनेट सचिव बनने वाले पहले अफसरशाह थे। यानी एक अन्य वित्त सचिव […]
बजट विद बीएस: द फाइन प्रिंट- राजकोषीय कुशलता के साथ वृद्धि पर जोर
मुंबई में बुधवार को आयोजित ‘बजट विद बीएस: द फाइन प्रिंट’ कार्यक्रम में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। सोमनाथन ने बजट से जुड़े सवालों के जवाब दिए और रोजगार योजना, पूंजीगत लाभ इंडेक्सेशन तथा राजकोषीय रोडमैप पर सरकार के दृष्टिकोण […]
Union Budget 2024: विवेकशील, साहसी और समझदारी भरा बजट, घोषणाओं में दिखा वित्त मंत्री का राजकोषीय विवेक
Budget 2024: नरेंद्र मोदी सरकार के अपने छठे पूर्ण बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दिखाया कि वह राजकोषीय विवेक, साहस और राजनीतिक समझदारी सब रखती हैं। उनका राजकोषीय विवेक न केवल 2024-25 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य कम करके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 फीसदी तक लाने में नजर आता […]
राजस्व बढ़ाने पर देना होगा ध्यान
मोदी सरकार के बीते 10 साल के कार्यकाल में बजट का प्रदर्शन कैसा रहा? इस सवाल का एक जवाब यह होगा कि उनकी तुलना पिछली सरकारों के बजट से की जाए। परंतु एक अन्य तरीका यह भी होगा कि मोदी सरकार के बजट की आपस में ही तुलना की जाए। मौजूदा संदर्भ में ऐसा करना […]
नीतिगत खामियों से बच कर रहे बजट
आम बजट में देश के कारोबारी जगत की इच्छाओं को पूरा करने से अधिक जरूरी है कि नीतिगत खामियों से बचा जाए। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य खबरों के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बजट पूर्व बैठक में उद्योग जगत की ओर से यह मांग की गई है कि उन कंपनियों को […]
बजट निर्माण की प्रक्रिया में बढ़े पारदर्शिता
बजट में वर्ष 2023-24 के प्रारंभिक आंकड़ों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए और रिजर्व बैंक के अतिरिक्त अधिशेष का इस्तेमाल बेहतर प्रभाव के लिए किया जाना चाहिए। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य अब जबकि निर्मला सीतारमण पिछले कार्यकाल की तरह वित्त मंत्री के पद पर लौट आई हैं तो केंद्रीय वित्त मंत्रालय भी […]
गठबंधन सरकार और सुधारों की चुनौतियां
आम चुनाव के नतीजों से संकेत मिल रहा है कि शायद गठबंधन युग की वापसी हो गई है और नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने बलबूते सरकार नहीं बना पाएगी। ऐसे में देश की राजनीतिक अर्थव्यवस्था से संबंधित बहस में एक बार फिर इस बात पर जोर होगा कि आखिर केंद्र की नई […]
MGNREGA से जुड़ी समस्याएं और उनका समाधान
ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जुड़ी समस्याओं का निदान कड़ी निगरानी से किया जा सकता है, न कि वित्तीय बोझ साझा करने से। बता रहे हैं ए के भट्टाचार्य महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) समीक्षा के चरण से गुजरती प्रतीत हो रही है। समाचार माध्यमों में प्रकाशित खबरों के अनुसार मनरेगा में […]
विदेशी निवेशकों द्वारा धन वापसी चिंताजनक
करीब एक पखवाड़ा पहले इस समाचार पत्र में खबर छपी थी कि केंद्र सरकार के 17 विभागों के पास प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 46 प्रस्ताव करीब 12 सप्ताह से लंबित हैं। ऐसे आवेदनों के निपटान की समय सीमा भी 12 सप्ताह है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग यानी डीपीआईआईटी इसे लेकर चिंतित था […]