विश्लेषकों ने गुरुवार को कहा कि वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) द्वारा न केवल नवीनीकरण के लिए स्पेक्ट्रम की बड़े पैमाने पर खरीद की गई है, बल्कि नई नीलामी में 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में नए 4जी स्पेक्ट्रम की खरीद से 9 सर्कलों में दूरसंचार कंपनी के नेटवर्क में भी इजाफा होने की उम्मीद है।
6,856 करोड़ रुपये की बोलियों के साथ, भारती एयरटेल स्पेक्ट्रम की सबसे बड़ी खरीदार थी और उसने 97 मेगाहर्ट्ज की खरीदारी की। दूरसंचार बाजार की दिग्गज रिलायंस जियो ने 973 करोड़ रुपये में 14.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की खरीदारी की। वी ने 3,510.4 करोड़ रुपये में 30 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा।
आईआईएफएल सिक्योरिटीज ने गुरुवार को एक विश्लेषक रिपोर्ट में कहा, ‘हालांकि उसे दो सर्कलों में 900 मेगाहर्ट्ज नवीकरण की चुनौती का सामना करना पड़ा, वहीं वी ने सात अन्य सर्कलों में इस बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल किया है। इनमें से कई बैंड में, वी ने 1.2 मेगाहर्ट्ज या 2.4 मेगाहर्ट्ज जैसी कम मात्रा में स्पेक्ट्रम लिया। इस स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 2जी ट्रैफिक को पार्क करने के लिए किया जा सकता है, और यह कंपनी को अधिक 4जी ग्राहक जोड़ने में सक्षम बना सकता है।’
कोटक इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने कहा कि वी ने नेटवर्क क्षमता में सुधार के लिए मध्य प्रदेश और बिहार सर्कलों में मिड-बैंड में भी स्पेक्ट्रम हासिल किया है, जिससे नेटवर्क अनुभव में सुधार आएगा। उसने कहा है कि एयरटेल के पास अब 10 सर्कलों में कम से कम 10 मेगाहर्ट्ज सब-गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम है, जिससे जियो के खिलाफ उसकी प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है।
बड़े बदलाव के आसार नहीं
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि स्पेक्ट्रम नीलामी में मिली इस सफलता के बाद तीनों ऑपरेटरों के बीच प्रतिस्पर्धा में कोई खास बदलाव नहीं आएगा। जियो और भारती पहले से ही इस क्षेत्र के राजस्व में संयुक्त रूप से 78 प्रतिशत का नियंत्रण रखती हैं।