आज का अखबार

बजाज फाइनैंस की रणनीति से शेयर में उछाल

Published by
दीपक कोरगांवकर, निकिता वशिष्ठ
Last Updated- January 31, 2023 | 6:51 AM IST

वि​भिन्न डिजिटल और ऑफलाइन उत्पादों की पेशकश के जरिये वृद्धि की रफ्तार मजबूत बनाने के लिए बजाज फाइनैंस द्वारा तैयार की गई ‘लॉन्ग-रेंज स्ट्रेटजी’ (एलआरएस) से कंपनी का शेयर सोमवार को दिन के कारोबार में 5 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया था। हालांकि बाद में यह 4.67 प्रतिशत की तेजी के साथ 6,025 रुपये पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स में 0.29 प्रतिशत तेजी दर्ज की गई थी।

प्रभुदास लीलाधर के विश्लेषकों ने कहा, ‘हमने अपना आय अनुमान बढ़ा दिया है, लेकिन मूल्यांकन मल्टीपल में कमी की है, क्योंकि खासकर कंज्यूमर फाइनैंस और मॉर्गेज सेगमेंटों में कड़ी प्रतिस्पर्धा बरकरार है और कंपनी ने जो​खिमपूर्ण माइक्रोफाइनैंस व्यवसाय में प्रवेश करने की योजना बनाई है। हालांकि यदि कंपनी एलआरएस ढांचे पर पूरी तरह से अमल करती है और नए फ्रैंचाइजी ग्राहकों पर ध्यान बढ़ाती है तो शेयर की रेटिंग में बदलाव आ सकता है।’

बजाज फाइनैंस का पांच वर्षीय एलआरएस ढांचा 2023 से 2027 की अव​धि के लिए है और इसमें कई मानक शामिल हैं। इन मानकों में ग्राहक फ्रैंचाइजी, कुल ऋण की भागीदारी, भुगतान सकल मर्केंडाइज वैल्यू (जीएमवी), ऐप इंस्टॉल की संख्या, और वेब उपयोगकर्ता आदि मुख्य रूप से शामिल हैं।

नए एलआरएस ढांचे के तहत, बजाज फाइनैंस ने जनवरी 2023 में एमएसएमई ग्राहकों के लिए लोन अगेन्स्ट प्रॉपर्टी यानी संप​त्ति पर ऋर्ण (एलएपी) व्यवसाय शुरू किया और वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में न्यू ऑटो लोन्स, चौथी तिमाही में माइक्रो फाइनैंस और वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में ट्रैक्टर फाइनैंसिंग शुरू करने की योजनाएं तैयार की हैं।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में उभरते कॉरपोरेट व्यवसाय पर ध्यान देने की भी योजना बनाई है और वह वित्त वर्ष 2024 तक 8 मेगाट्रेंड और वित्त वर्ष 2025 तक 7 मेगाट्रेंड, वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में रिवार्ड्स प्लेटफॉर्म की पेशकश करेगी। कंपनी वित्त वर्ष 2024 तथा 2025 में उत्तर प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर में हर साल 100 स्थानों पर कारोबार शुरू करेगी।

बजाज फाइनैंस ने कहा है कि उसका मकसद 10 करोड़ ग्राहक फ्रैंचाइजी, पेमेंट जीएमवी में 3 प्रतिशत भागीदारी, और 3-4 प्रतिशत की कुल ऋण भागीदारी तथा 4-5 प्रतिशत की रिटेल भागीदारी के साथ दबदबा कायम करना है। कंपनी 19-21 प्रतिशत के दायरे में पूंजी पर प्रतिफल (आरओई) हासिल करना चाहती है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा है, ‘आवास ऋण, बिजनेस टु बिजनेस (बी2बी) फाइनैंस आदि जैसे कुछ खास सेगमेंटों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद कंपनी ने मजबूत एयूएम वृद्धि दर्ज की है।’

First Published : January 31, 2023 | 6:50 AM IST