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SBI Bank ने इन्फ्रास्ट्रक्टर बॉन्ड से जुटाए 10,000 करोड़ रुपये

इसके पहले SBI Bank ने इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्डों से जनवरी 2023 में 9,718 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसमें प्रसार 17 आधार अंक था।

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अभिजित लेले   
Last Updated- July 31, 2023 | 10:38 PM IST

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI Bank) ने 15 साल के इन्फ्रास्ट्रक्टर बॉन्ड से 10,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसकी कूपन दर 7.54 प्रतिशत है, जिसे जापान के केंद्रीय बैंक की सख्ती के कारण प्रतिफल घटने के बीच बेहतर दर माना जा रहा है।

एसबीआई के अधिकारियों ने कहा कि 7.54 प्रतिशत तय प्रतिफल इन्फ्रास्ट्रक्टर बॉन्डों की 7.7 प्रतिशत प्राइसिंग की तुलना में कम है, जो बैंक ने जनवरी 2023 में जारी किए थे।

पिछले सप्ताह जहां बाजार प्रतिफल बढ़े हैं, इसका असर 15 साल के इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड की पेशकश के मूल्य पर नहीं पड़ा है। एसबीआई के अधिकारियों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कार्रवाई और बैंक ऑफ जापान के रुख से 10 साल के सरकारी बॉन्ड के प्रतिफल को सीमित किया है।

सके पहले बैंक ने जनवरी 2023 में जुटाए थे 9,718 करोड़ रुपये 

एसबीआई ने एक बयान में कहा कि 7.54 प्रतिशत कूपन से सरकार की प्रतिभूति (जी-सेक) के वक्र से 13 आधार अंक का प्रसार नजर आता है। इसके पहले बैंक ने इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्डों से जनवरी 2023 में 9,718 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसमें प्रसार 17 आधार अंक था।

इसका बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड दिसंबर 2022 में जारी हुआ था। बैंक ने 7.51 प्रतिशत कूपन दर से 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। बॉन्ड की अवधि 10 साल की थी।

राशि का इस्तेमाल दीर्घावधि संसाधन बढ़ाने में होगा

घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा बैंक की स्थिर परिदृश्य के साथ एएए क्रेडिट रेटिंग है। बॉन्ड से मिली राशि का इस्तेमाल दीर्घावधि संसाधन बढ़ाने में होगा जिससे बुनियादी ढांचे व सस्ते आवास के लिए वित्तपोषण किया जाएगा।

इस बॉन्ड पेशकश में दो घटक हैं। पहला आधार इश्यू 5,000 करोड़ रुपये का है और 5,000 करोड़ रुपये का ग्रीन शू ऑप्शन है। एसबीआई ने कहा कि इस इश्यू को निवेशकों से जोरदार प्रतिक्रिया मिली है, जिन्होंने 21,698 करोड़ रुपये की बोली लगाई और आधार इश्यू के आकार की तुलना में 4.34 प्रतिशत ओवर सब्सक्राइव हुआ।

कुल 115 बोलियां मिलीं, जिससे व्यापक हिस्सेदारी के संकेत मिलते हैं। इसमें भविष्य निधि, पेंशन फंड, बीमा कंपनियों, म्युचुअल फंडों, कॉर्पोरेट्स आदि के हिस्सेदार शामिल हैं।

First Published : July 31, 2023 | 10:38 PM IST