उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) सरकार के निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की साल के मध्य में होने वाली महत्त्वपूर्ण समीक्षा अगले सप्ताह करने की तैयारी कर रहा है।
इस मामले से जुड़े व्यक्ति ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 14 पीएलआई योजनाओं से संबंधित मंत्रालयों के प्रभारी प्रोत्साहन भुगतान का ब्योरा उद्योग विभाग को अगले सप्ताह सौंप सकते हैं।
यह बैठक अहम मानी जा रही है क्योंकि बड़ी संख्या में चल रही पीएलआई योजनाओं में प्रगति उम्मीद से बहुत धीमी है। इस आकलन से सरकार को वास्तविक अनुमान मिल सकेगा कि चालू वित्त वर्ष के पहले 6 महीने के दौरान कितना प्रोत्साहन भुगतान किया गया है।
उपरोक्त उल्लिखित अधिकारी ने कहा, ‘कंपनियां अपनी बैलेंस शीट 30 सितंबर तक बंद कर रही होंगी, ऐसे में हम उनके प्रदर्शन के ब्योरे का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि जब विस्तृत ब्योरा मिल जाएगा तब योजना के समन्वय का काम देख रही एजेंसी डीपीआईआईटी इसकी समीक्षा करेगी।
अब तक केंद्र सरकार ने 8 क्षेत्रों के पीएलआई लाभार्थियों को 2,874 करोड़ रुपये प्रोत्साहन का भुगतान किया है। सरकार उम्मीद कर रही है कि मोबाइल विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लाभार्थियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान 80 प्रतिशत तक भुगतान हो जाएगा।
पीएलआई योजना लागू होने के तीसरे साल यानी चालू वित्त वर्ष में शुरुआती अनुमान के मुताबिक कुल भुगतान राशि 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। बहरहाल सरकारी अधिकारियों का अब अनुमान है कि साल के अंत तक यह 11,000 करोड़ रुपये तक पहुंचेगा।
सबसे ज्यादा प्रगति मोबाइल विनिर्माण, फार्मास्यूटिकल ड्रग्स, बल्क ड्रग्स, मेडिकल उपकरणों और खाद्य उत्पादों में हुई है, जहां प्रोत्साहन या सब्सिडी भुगतान अधिकतम रहा है।
उन्होंने कहा, ‘जिन मामलों में प्रगति अच्छी नहीं है, जबकि वे शीर्ष प्रदर्शन करने वाले क्षेत्र हैं, हम उनका गहराई से आकलन करेंगे कि कहां गड़बड़ हो रही है।’
साल के मध्य में समीक्षा के अलावा जून में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रमुख उद्योगों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी, जिसमें पीएलआई योजना लागू करने वाले मंत्रालयों व सरकारी विभागों के जिम्मेदार अधिकारी शामिल थे। इसमें लाभार्थियों को हो रही समस्याओं के समाधान पर बात हुई थी।
डीपीआईआईटी इस बात पर जोर दे रहा है कि मंत्रालय पीएलआई के लाभार्थियों से परामर्श कर आ रही चुनौतियों का समाधान करें और उनका त्वरित समाधान करें।