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नई परियोजनाओं के लिए निजी ऋण पर ध्यान देगा उद्योग

Private loan: पीडब्ल्यूसी इंडिया के अनुसार 2021 सर्वाधिक निवेश वाला वर्ष था जिसमें भारतीय कंपनियों में बड़ा योगदान निजी पूंजी का रहा।

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देव चटर्जी   
Last Updated- April 24, 2024 | 10:45 PM IST

पीडब्ल्यूसी इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि निजी ऋण भारत में परियोजनाओं के वित्त पोषण के मुख्य स्रोत के तौर पर तेजी से उभर रहा है। कई उद्यमी इक्विटी घटाने के लिए मूल्यांकन अंतर की वजह से धन की कमी के लिए अल्पावधि ऋण विकल्पों पर ध्यान दे रहे हैं।

भारत में निजी इक्विटी निवेश में रुझानों के बारे में अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों में नया निजी इक्विटी निवेश घटा है। इस दौरान कई बाजार से पीई की निकासी भी देखी गई। पीई फंड निवेशकों को तरलता मुहैया कराने के लिए कई कंपनियों के निकट भविष्य में पूंजी बाजारों को टटोलने की संभावना है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया में पार्टनर ऐंड लीडर (प्राइवेट इक्विटी ऐंड डील्स) भविन शाह ने कहा, ‘हमने देखा है कि निजी ऋण के लिए मांग में इजाफा हुआ है। कई बड़े क्रेडिट फंडों ने भारतीय कंपनियों में (दबाव से जूझ रही कंपनियों के अलावा अच्छा प्रदर्शन करने वाले ऋण क्षेत्र दोनों में) अरबों डॉलर का निवेश शुरू कर दिया है।’

निजी इक्विटी कंपनियों द्वारा पेश निजी ऋण अन्य संगठित ऋणों के मुकाबले थोड़ी सी ज्यादा ब्याज दर पर दिया जाता है। निजी क्रेडिट कंपनियां अपने वैश्विक अनुभव के साथ उद्यमियों की मदद करती हैं। भारत में निजी इक्विटी निवेश की राह में एक बड़ी समस्या कर से जुड़ी अनिश्चितता है।

शाह ने कहा, ‘हालांकि भारत सरकार देश की कर प्रणाली में अधिक स्पष्टता लाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है, फिर भी हम देख रहे हैं कि कई निजी इक्विटी फंडों को निपट चुके मुद्दों पर आयकर नोटिस मिल रहे हैं।’

पीडब्ल्यूसी में वैश्विक प्रमुख (निजी इक्विटी) एरिक जैनसन ने कहा, ‘यह भारत का दशक होगा और दुनियाभर से निजी इक्विटी निवेशक देश में निवेश करने की योजना बना रहे हैं।’

पीडब्ल्यूसी इंडिया के अनुसार 2021 सर्वाधिक निवेश वाला वर्ष था जिसमें भारतीय कंपनियों में बड़ा योगदान निजी पूंजी का रहा। इससे शुरुआती निवेशकों को बड़ी संख्या में बाहर निकलने में मदद मिली। पिछले साल भी सार्वजनिक बाजार में बिक्री के माध्यम से रिकॉर्ड निकासी देखी गई। सौदों की मात्रा वर्ष 2022 के 35 प्रतिशत की तुलना में 2023 में बढ़कर 51 प्रतिशत तक पहुंच गई।

कैलेंडर वर्ष 2022 और 2023 में बड़े आकार के बिकवाली वाले सौदों का आकार 2 करोड़ डॉलर से ज्यादा रहा जो काफी हद तक सार्वजनिक बाजार की बिक्री और अन्य महत्वपूर्ण बिक्री के बल पर हुआ। औसत तौर पर वैश्विक पीई फंडों की निवेश अवधि 6-7 साल की रही और वे कैलेंडर वर्ष 2022 तथा 2023 में अपने मूल निवेश पर 3.5 से 4.5 गुना प्रतिफल हासिल करने में सक्षम रहे।

First Published : April 24, 2024 | 10:05 PM IST