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भारत विशाल संभावनाओं वाला सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बाजार: Siemens India

पिछले साल सीमेंस ने एक ओपन डिजिटल बिजनेस प्लेटफॉर्म, सीमेंस एक्सेलेरेटर प्रोग्राम शुरू किया था। इस प्लेटफॉर्म के कार्यान्वयन में भारत को एक प्रमुख क्षेत्र बनना था।

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शिवानी शिंदे   
Last Updated- October 10, 2023 | 10:47 PM IST

सीमेंस (Siemens) भारत में सार्वजनिक ट्रांजिट अथवा शहरी परिवहन समाधान के लिए केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है। कंपनी को यहां रेल ट्रांजिट समाधान में जबरदस्त अवसर दिख रहा है।

कंपनी ने यह पहल भारतीय रेलवे के साथ भारत में अपना सबसे बड़ा सौदा करने के बाद की है। 26,000 करोड़ रुपये (3 अरब यूरो) के करार में सीमेंस माल ढुलाई के लिए इलेक्ट्रिक इंजनों की आपूर्ति और रखरखाव करेगी। यह सीमेंस मोबिलिटी के लिए भारत में सबसे बड़ा ऑर्डर था।

सीमेंस एजी के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी और मुख्य रणनीति अधिकारी पीटर कोएर्टे ने कहा, ‘हम भारत में कलपुर्जे और इंजन के निर्माण में तेजी लाएंगे। हमारे पास भारत में एक स्थान भी है जहां कई रेल बुनियादी ढांचा समाधान तैयार होते हैं। हम भारत को बड़े पैमाने पर सार्वजनिक ट्रांजिट और शहरी परिवहन समाधान बनाने के केंद्र के रूप में उपयोग करना चाहते हैं।’

यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि भारत एक महत्त्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है और इसने कंपनी के रोजगार में भी योगदान दिया है। भारत में कंपनी के 12,000 सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं। इनमें से 6,000 बेंगलूरु में हैं।

कंपनी को सिर्फ विनिर्माण का केंद्र बनाकर अधिक प्रौद्योगिकी केंद्रित बनाने की दिशा में काम करने वाले कोएर्टे ने कहा कि भारत से कंपनी की आमदनी बढ़ रही है।

कोएर्टे ने अपने प्रमुख कार्यक्रम सीमेंट इंडिया इनोवेशन डे के मौके पर बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘जब बाजार के आकार की बात आती है तो भारत 30 देशों में आठवें स्थान पर आता है। लेकिन, अगर कोई वृद्धि और बढ़ते राजस्व को देखता है तो भारत इसमें भी तेजी से बढ़ रहा है और दुनिया में शीर्ष तीन से पांचवें स्थान पर है।’

उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी भारत में लगातार भर्तियां कर रही है और नौकरी छोड़ने वालों की संख्या में कमी आ रही है मगर प्रतिभा तक पहुंचना अभी भी एक चुनौती है।

यह पूछे जाने पर कि क्या वर्तमान भू-राजनीतिक संकट जैसे इजरायल-हमास संघर्ष के साथ-साथ रूस-यूक्रेन युद्ध ने व्यापार को प्रभावित किया है, कोएर्टे ने कहा कि वैश्विक कंपनी बनने की वैश्विक रणनीति ने उनके कारोबार में मदद की है।

उन्होंने कहा, ‘हमारा अस्तित्व 176 वर्ष पुराना है। हम राजनीति से दूर रहना पसंद करते हैं। इससे भी जरूरी बात यह है कि हमारे पास बहुस्थानीय रणनीति है। हम वैश्विक बाजार के लिए उत्पाद बनाना पसंद करते हैं, लेकिन हम क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर स्थानीयकरण करना पसंद करते हैं।’

पिछले साल सीमेंस ने एक ओपन डिजिटल बिजनेस प्लेटफॉर्म, सीमेंस एक्सेलेरेटर प्रोग्राम शुरू किया था। इस प्लेटफॉर्म के कार्यान्वयन में भारत को एक प्रमुख क्षेत्र बनना था।

कोएर्टे ने बताया कि भारत में अपार संभावनाएं हैं और सीमेंस के पास यहां कारोबार को दोगुना करने की काफी महत्त्वाकांक्षी योजना है। उन्होंने कहा, ‘हम अपनी योजना पर बहुत तेजी से अमल कर रहे हैं। हमारी भारतीय टीम देख रही है कि हम अब कितना अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं।’

कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर के लिहाज से भी भारत एक प्रमुख तकनीकी केंद्र है। उन्होंने कहा कि सीमेंस जो भी उत्पाद तैयार करती है, उनमें से लगभग हर एक उत्पाद में कुछ सॉफ्टवेयर होता है और इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि उसमें भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों का कुछ योगदान जरूर होगा।

कोएर्टे ने कहा, ‘इसलिए हम गर्व से कह सकते हैं कि सीमेंस में हमारी सभी पेशकशों में भारतीय योगदान शामिल है।’

First Published : October 10, 2023 | 10:47 PM IST