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बढ़ती आर्थिक गतिविधियां NBFC क्षेत्र के लिए अच्छी संभावना

कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान बैंकिंग प्रणाली में liquidity आठ लाख करोड़ रुपये के सरप्लस से 33,000 करोड़ रुपये के घाटे में चली गई है।

Published by
देवांशु दत्ता
Last Updated- December 30, 2022 | 2:07 PM IST

बढ़ती ब्याज दरें और कम तरलता (liquidity) से वित्तीय क्षेत्र प्रभावित हो रहा हैं, लेकिन आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि कर्ज देने वालों के लिए कारोबार की अधिक मात्रा साबित हो सकती है।

कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान बैंकिंग प्रणाली में तरलता आठ लाख करोड़ रुपये के सरप्लस से 33,000 करोड़ रुपये के घाटे में चली गई है। नवंबर के अंत तक बैंक क्रेडिट में सालाना आधार पर 17.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। नीतिगत दरों में 2.25 फीसदी तक का इजाफा हुआ है।

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) पर क्या असर पड़ा है ?

वाणिज्यिक बैंकों की तुलना में उनके फंड की लागत अधिक होती है तथा ऋण देने के उनके तरीके कुल मिलाकर जोखिम भरे होते हैं। अलबत्ता NBFC के बैंक क्रेडिट में मजबूत रुझान नजर आ रहा है और इस क्षेत्र की तरलता की परिस्थिति सहज बनी हुई है। अक्टूबर तक NBFC का बैंक ऋण अब तक 16 प्रतिशत (मासिक आधार पर 7 प्रतिशत) तक अधिक रहा है। इसके अलावा शीर्ष स्तर वाली NBFC हर महीने करीब 30,000 करोड़ रुपये तक के बॉन्ड जारी करने में सक्षम रही हैं।

इसलिए अगर ऋण मांग बढ़ती है, तो NBFC के पास नकदी की कमी होने की आशंका नहीं है। NBFC के एए और एएए बॉन्ड के लिए जी-सेक दरों के ऊपर का दायरा लगभग 50 से 60 बीपीएस पर काफी कम है। इस तरह राजस्व वृद्धि एनआईएम (शुद्ध ब्याज मार्जिन) दबाव से अधिक होना चाहिए।

वाहन वित्त और गिरवी रखकर कर्ज देने वाले दो ऐसे प्रमुख बाजार हैं, जिनका NBFC के कुल ऋण में क्रमशः लगभग 28 प्रतिशत और 40 प्रतिशत योगदान रहता है।

कमर्शियल वाहन की गिरवी वाले एक प्रमुख बाजार में प्रतिस्थापन खरीद, खनन, बुनियादी ढांचे और ई-कॉमर्स की गतिविधियों में वृद्धि, कारोबार बढ़ने और माल ढुलाई दरों के स्थिर होने के कारण मजबूत वृद्धि देखी गई है। जहां ईंधन की कीमतें बढ़ी हैं, वहीं वे स्थिर होने के संकेत भी दे रही हैं। वाणिज्यिक वाहनों के चक्र में और तेजी आने से मांग में और इजाफा होना चाहिए।

First Published : December 29, 2022 | 8:34 PM IST