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सरकार ने GeM पोर्टल से हटाई चीन की कंपनियां

जेम के मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने कहा, ‘हमे बड़ी संख्या में विक्रेताओं को हटाया है।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- September 27, 2023 | 10:42 PM IST

सरकार के सार्वजनिक खरीद प्लेटफॉर्म गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) ने सत्यापन प्रक्रिया सख्त करके पिछले 3 साल में ‘बड़ी’ संख्या में ‘फर्जी विक्रेताओं’ को बाहर निकाला है। इसमें से कुछ विक्रेता भारत के पड़ोसी देश के थे।

जेम के मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने कहा, ‘हमे बड़ी संख्या में विक्रेताओं को हटाया है। इससे प्रभावित होने वाली श्रेणियों में लैपटॉप, डेस्कटॉप, सर्वर, मेडिकल उपकरण शामिल हैं, जहां चीन के लोगों की मौजूदगी थी। वित्त मंत्रालय और उद्योग विभाग के मानकों के मुताबिक उन्हें हटाया गया है।’

बहरहाल सिंह ने इस तरह के विक्रेताओं की संख्या नहीं बताई है। सिंह ने उन विक्रेताओं का हवाला दिया, जो भारत सरकार के मानकों के मुताबिक नहीं हैं।
जेम कठोर विक्रेता सत्यापन प्रक्रिया का पालन करता है। इसमें दो चरण की संपर्क रहित प्रक्रिया शामिल है। इसमें आवश्यक कारोबारी दस्तावेजों को जमा करने व उनको मान्य करने के लिएऑनलाइन फॉर्म भरा जाता है। मोबाइल ऐप्लीकेशन परआधारित वीडियो आकलन भी किया जाता है, जिससे आवेदक की साख सुनिश्चित की जा सके। हालांकि यह एक बार की सत्यापन की प्रक्रिया है।

सिंह ने कहा कि जेम अब प्रक्रिया को उपभोक्ताओं के अनुरूप बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे कि वास्तविक कंपनियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह भी कठिनाई की वजह रही है। इसमें विश्लेषण बहुत कठोर होता है, ऐसे में लोग अनुभव करते हैं कि आप बहुत दखलंदाजी कर रहे हैं। इस चरण में हम तमाम नकली विक्रेताओं को हटा देते हैं, खासकर सीमाएं साझा करने वाले देशों के विक्रेताओं को व्यय विभाग के आदेश के बाद हटाया गया। यह कठिन कवायद होती है। ऐसे में हम शेयरधारिता के तरीके पर गौर करते हैं, जिसमें यह देखा जाता है कि क्या कोई जमीनी सीमा साझा करने वाला देश है और उसके बाद उन्हें हम अयोग्य करार देते हैं।’

नया सेवा प्रदाता

सिंह ने यह भी कहा कि टीसीएस जेम की नई तकनीकी साझेदार बनेगी। वह मौजूदा पोर्टल को अपने हाथ में लेगी और 3 अक्टूबर से नया पोर्टल पेश करेगी। इस समय पोर्टल का प्रबंधन कंपनियों का एक समूह कर रहा था जिसमें इन्फीबीम एवेन्यूज, शामिल है। इसके साथ 5 साल का कांट्रैक्ट है।

उन्होंने कहा कि यह सोची समझी योजना है, जिसमें बदलाव आसानी से हो रहा है। यह विभिन्न चरणों में किा गया।अब हम उस चरण में पहुंचे हैं, जब टीसीएस पुराने पोर्टल को अपने हाथ में ले लेगी और साथ साथ वह नया पोर्टल भी बना रही है। जेम ने तत्काल ऋण देने की पहल जेम सहाय 2.0 शुरू कर रही है, जो सभी कारोबारियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

इसके साथ एयू स्माल फाइनैंस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक जैसे बैंकिंग व फाइनैंस पार्टनर जुड़े हैं। कोटक महिंद्रा बैंक, लेंडिंगकार्ट, टाटा कैपिटल व अन्य पहले से ही जुड़े हैं। इसमें ऋण कवरेज 10 लाख रुपये तक होगा और 10 मिनट में ऋण को मंजूरी मिलेगी।

First Published : September 27, 2023 | 10:42 PM IST